नई दिल्ली,मोदी मंत्रिमंड़ल ने सामाजिक और शैक्षणिक रुप से पिछड़े लोगों के लिए राष्ट्रीय आयोग के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस फैसले को हरियाणा में पिछले दिनों हुए जाट आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलनों और प्रदर्शनों से जोड़ कर देखा जा रहा है।
नया आयोग बन जाने पर वह हाल में काम कर रहे राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग की जगह लेगा। उसे सरकार संवैधानिक दर्जा भी देगी। दरअसल,ओबीसी कल्याण पर बनी संसदीय समिति ने प्रधानमंत्री से इस तरह की मांग की थी ,जिसके बाद कैबिनेट ने यह मांग मान ली है। अब आयोग के गठन के लिए संविधान संशोधन प्रस्ताव लोकसभा में लाया जाएगा।
अभी ओबीसी की सूची में जातियों के नाम जोडऩे या हटाने का काम सरकार ही करती थी,लेकिन नया आयोग बन जाने पर वह सामाजिक और शैक्षणिक आधार पर पिछड़ों को परिभाषित करेगा। देश के अलग-अलग हिस्सों में बहुत सारी जातियां आरक्षण की मांग करती रही है। इस फैसले के बाद पिछड़ा वर्ग आयोग भंग हो जाएगा। नए आयोग में एक चेयरपर्सन,एक वाइस चेयरपर्सन और तीन सदस्यों को नियुक्त किया जाएगा।