अब श्रद्धा-निधि होगी 7 हजार रुपए

भोपाल,जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने विधानसभा में जनसंपर्क विभाग की अनुदान मांगों के संबंध में हुई चर्चा का उत्तर देते हुए पत्रकार वर्ग के हित में अनेक कल्याणकारी घोषणाएँ कीं। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पत्रकारों को अब श्रद्धा-निधि के रूप में 7000 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। अभी 6000 रुपये प्रतिमाह मिल रहे हैं। प्रदेश के फोटो जर्नलिस्ट कैमरामेन भी श्रद्धा-निधि के पात्र होंगे। श्रद्धा-निधि के लिए अब तक 62 वर्ष से अधिक आयु के पत्रकार ही पात्र थे। इस आयु को घटाकर 60 वर्ष किया जाएगा।
जनसंपर्क मंत्री ने कहा कि पत्रकार चिकित्सा सहायता योजना में अब पत्रकार के आश्रित माता-पिता को भी इलाज के लिए सहायता दी जाएगी। गंभीर रोगों के इलाज के लिए अब तक दी जाने वाली अधिकतम सहायता राशि 50 हजार को बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जाएगा। यह राशि अस्पताल के खाते में दी जायेगी। गैर अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार भी अब बीमा योजना में शामिल होंगे। ऐसे प्रकरणों में 50 प्रतिशत प्रीमियम राशि का भुगतान राज्य सरकार करेगी।
जनसंपर्क मंत्री ने बताया कि प्रदेश के पत्रकार राज्य और राज्य के बाहर अध्ययन यात्रा में जा सकेंगे। इसके लिए योजना लागू की जाएगी। पत्रकार कौशल विकास प्रकोष्ठ भी स्थापित किया जाएगा। जनसंपर्क मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की ब्रांडिंग के लिए जनसंपर्क विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है। इस क्रम में फिल्म नीति का निर्माण भी प्रस्तावित है। पत्रकारों की कठिनाईयों के अध्ययन के लिए राज्य स्तर पर समिति का गठन किया जाएगा। पत्रकारों द्वारा राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं से फाउण्डेशन कोर्स प्रशिक्षण प्राप्त करने पर शुल्क का 50 प्रतिशत शासन द्वारा दिया जाएगा।
जल-संसाधन
जल-संसाधन मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने कहा कि शिवपुरी और दतिया जिले की लोअर ओर योजना के लिये 2208 करोड़, मंदसौर जिले की शामगढ़-सुवासरा के लिये 765 करोड़, डिण्डोरी जिले की डिण्डोरी योजना के लिये 384 करोड़, करंजिया के लिये 132 करोड़, सागर जिले की कडान के लिये 386 करोड़, खटौला कॉम्पलेक्स के लिये 49.11 करोड़, ग्वालियर की टिकटोली योजना के लिये 42.34 करोड़, टीकमगढ़ की सतधारा के लिये 19.74 करोड़, खरगौन की रोसिया के लिये 33.18 करोड़, बैतूल की घाट बिरोली के लिये 37.44 करोड़, सीधी की गौंड़ा योजना के लिये 928 करोड़, शहडोल की हिरवार के लिये 115 करोड़ और श्योपुर की चेट्टीखेड़ी सिंचाई योजना के लिये 330 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं। बीना परियोजना के लिये भी राशि स्वीकृत की गयी है। सदन में डॉ. मिश्र के जवाब के बाद उनके विभागों से संबंधित 8800 करोड़ 78 लाख 92 हजार रुपये की अनुदान माँगों को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

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