..यह अपने आप में ही एक आनन्द है

भोपाल,सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने पर विधान सभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा ने प्रश्नोत्तर सूची में दर्ज पहले प्रश्नकर्ता विजय सिंह सोलंकी को पुकारा, लेकिन वे सदन में उपस्थित नहीं थे।
अगला प्रश्न कुंवर सौरभ सिंह का था, उन्होंने अपने पूरक प्रश्नो के माध्यम से जानना चाहा कि प्रदेश में आनन्द मंत्रालय का गठन कब हुआ और उसके लिए कितना बजट तय किया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अनुपस्थिति में इस प्रश्न का जवाब देते हुए सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री लालसिंह आर्य ने कहा कि विभाग का गठन 6 अगस्त 2016 को हुआ और व्यय के लिए 2 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
इस पर सौरभ सिंह ने जानना चाहा कि कटनी जिले की पंचायतों में हाल ही आनन्द मंत्रालय के निर्देश पर आयोजन किए गए उन्हें व्यय के लिए कितनी राशि उपलब्ध कराई गई।
मंत्री ने उनके सवाल का उत्तर देते हुए कहा कि कटनी ही नहीं पूरे प्रदेश में 14 जनवरी से 21 जनवरी तक अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। आयोजन के लिए प्रत्येक पंचायत को 15-15 हजार रूपए व्यय का अधिकारी दिया गया।

इस पर सौरभ सिंह ने मंत्री का ध्यान आकर्षित किया कि इन्हीं तिथियों में प्रतिभा पर्व का आयोजन भी हुआ। आयोजन के लिए स्कूलों का चयन किया गया और शिक्षकों तथा शिक्षा अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिए। एक साथ दो आयोजन और उन पर अलग-अलग व्यय का क्या औचित्य था।
उनके इस सवाल का जवाब देते हुए लालसिंह आर्य ने कहा कि दोनों आयोजनों की तिथियों में बदलाव कर कार्यक्रम आयोजित किए क्योंकि दोनों ही आवश्यक थे। उनका कहना था कि इन आयोजनों से आनन्द मंत्रालय का औचित्य ही प्रतिपादित हुआ है। उनके जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के उप नेता बाला बच्चन और सदस्यों ने कहा कि आयोजन पर 11 करोड़ 41 लाख रूपए व्यय हुए हैं, इतना पैसा खर्च करने के बाद सरकार को क्या आनन्द मिला। इस पर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह अपने आप में ही एक आनन्द है। उनकी इस त्वरित टिप्पणी पर सदन में कुछ देर के लिए ठहाके गूंज उठे।

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