गढ़चिरौली,महाराष्ट्र की गढ़चिरौली कोर्ट ने माओवादियों से संपर्क रखते हुए भारत के खिलाफ षडयंत्र रचने के आरोप में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जी.एन.साईबाबा,जेएनयू छात्र हेम मिश्रा और पूर्व पत्रकार प्रशांत राही समेत दो दूसरे लोगों महेश तिर्की और पांडु नरोट को दोषी करार देकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जबकि मामले के छठवें आरोपी विजय तिर्की को 10 साल जेल में गुजारने प्डेंगे।
अदालत ने साईबाबा के साथ ही अन्य लोगों को भारत के खिलाफ युद्ध के षडयंत्र का दोषी ठहराया है।
कौन हैं साईबाबा
दिल्ली विवि के राम लाल आनंद कॉलेज के प्रोफेसर रहे हैं साईंबाबा, शारीरिक रूप से अक्षम हैं वह व्हीलचेयर पर चलते हैं। वह पिछले साल जून से जमानत पर रिहा हैं। उन्हें 9 मार्च 2014 को गिरफ्तार कर उनके पास से विवादास्पद पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क और दूसरी तरह के दस्तावेज जब्त किए गए थे। जज एस.एस. शिंदे की अदालत ने आरोपियों को धारा 13,18,20, 38 और 39 में दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है।