भोपाल, राज्य विधान सभा में गुरूवार को प्रश्नोत्तरकाल के दौरान उर्जा विभाग से संबंधित सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया. उनका आरोप था कि सरकार की ओर से जानबूझ कर प्रश्नों के सही उत्तर नहीं दिए जा रहे हैं.
इस दौरान सदन में कई अवसरों पर ठहाके भी गूंजे. सदन में उस समय भी ठहाके लगे जब सत्ता पक्ष के एक सदस्य का कहना था कि उनके पास राज्य के आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की जांच रिपोर्ट है. इस रिपोर्ट पर शासन कोई कार्रवाई नही कर रहा है, जबकि संबंधित विभाग के मंत्री का कहना था कि उन्हें रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है इसलिए अभी किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती.
प्रश्नोत्तरकाल शुरू होते ही कांग्रेस के सुंदरलाल तिवारी ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल से संबंधित हाल ही सर्वोच्च न्यायालय के आये फैसले से प्रभावित 634 चिकित्सकों का मुद्दा सदन में उठाया. उनका कहना था कि इस संबंध में उन्होंने स्थगन प्रस्ताव दिया है उस पर चर्चा कराई जाए. तिवारी अपनी बात बार-बार दोहरा रहे थे, लेकिन सदन की कार्यवाही का संचालन कर रहे विधान सभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा ने उन्हें यह कहते हुए रोक दिया कि वह अपनी बात प्रश्नोत्तरकाल के बाद कह सकते हैं, अभी नहीं. पर वे अपनी बात कहने पर अड़े रहे, तब अध्यक्ष ने उन्हें यह कहते हुए अपने स्थान पर बैठने के निर्देश दिए कि यह प्रश्नोत्तरकाल है इस समय अन्य विषयों पर सदन मेंं चर्चा नहीं हो सकती. यदि वे उनकी बात नहीं मानेंगे तो उन्हें कड़ा कदम उठाना पड़ेगा. तब तिवारी अपने आसन पर बैठे.
प्रश्नोत्तरी में पहला प्रश्न कांग्रेस के मुकेश नायक का था और वे भी उर्जा मंत्री पारस चन्द्र जैन से उलझ गए. नायक और उर्जा मंत्री के बीच नौक-झौक हो गई. नायक जानना चाहते थे कि पवई विधान सभा क्षेत्र के पवई और शाहनगर जनपद पंचायतों में कितने डी0पी0 एवं पोल आंधी और तूफान के कारण क्षतिग्रस्त हुए थे. उर्जा मंत्री ने उनके सवाल का विस्तृत जवाब दिया और कहा कि सभी को बिजली वहां दी जारही है.साथ ही यह भी बताया कि बरखेड़ा ग्राम में सिर्फ इस लिए बिजली नहीं दी जा सकी क्योंकि वहां के लोगों में आपस में ही विवाद है. तब नायक का कहना था कि उस गांव की 2 हजार आबादी है और जानबूझ कर सुधार कार्य नहीं किया गया है.