2022 तक प्रदेश में 22 हजार मेगावाट बिजली होगी : राज्यपाल

भोपाल,मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र मंगलवार को राज्यपाल ओम प्रकाश कोहली के अभिभाषण  शुरू हुआ.  राज्यपाल  ने कहा कि सरकार ने कैशलेस लेनदेन बढ़ााने के लिए ‘डिजीटल भुगतान मिशन’ चलाने का निर्णय लिया है. उन्होंने सरकार की शिक्षा,सामाजिक क्षेत्र,ऊर्जा, आर्थिक, औद्योगिक, कृषि, सिंचाई, पर्यटन और ई-गर्वनेस के क्षेत्र में की गई तरक्की का सिसिलेवार ब्यौरा भी रखा.
मध्यप्रदेश में अगले शिक्षा सत्र से स्नातक स्तर तक की कक्षाओं में गण्वेश की व्यवस्था लागू की जाएगी. जबकि प्रदेश में वर्ष 2022 तक बिजली उत्पादन की क्षमता बढकर 22 हजार मेगावॉट से अधिक हो जाएगी. इस आशय की जानकारी राज्यपाल  ने अभिभाषण के दौरान बताई. उन्होंने अगले सत्र से स्नातक स्तर पर सेमेस्टर व्यवस्था समाप्त करने की भी जानकारी दी.

राज्यपाल ओमप्रकाश कोहली ने बताया कि अभी उपलब्ध बिजली क्षमता 17 हजार 412 मेगावॉट है. इसमें इस वर्ष 611 मेगावॉट की वृद्धि की गई है. उन्होंने कहा कि गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे और कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे बिजली दी जा रही है. नवकरणीय ऊर्जा के बारे में उन्होंने कहा कि इसमें अब प्रदेश की क्षमता 3019 मेगावॉट हो गई है. उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा मंडल की 12वीं की परीक्षा में 85 प्रतिशत अंक लाने वाले विद्यार्थियों के राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश पर पूरी फीस सरकार वहन करेगी. 85 प्रतिशत से कम वालों का चयन होता है तो उन्हें शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा.

इधर,राज्यपाल ने कहा कि गरीबों को प्रदेश में पांच रुपए में भरपेट खाना उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि अति गरीबों को सस्ती दर पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए चुने हुए नगरों में दीनदयाल थाली योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है. इसमें गरीबों को पांच रुपए थाली के मान से स्वादिष्ट और गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध होगा. योजना का विस्तार सभी शहरों में किया जाएगा. आवासहीन परिवारों को भूखंड या आवास उपलब्ध कराने की योजना का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इसके लिए कानूनी प्रावधान किया जा रहा है. प्रदेश में कोई आवासहीन न रहे, इसके लिए आवास मिशन चलाया जाएगा.

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