शिवराज एक घंटा बच्चों को पढ़ाऐंगे

भोपाल,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपील की है कि वे सप्ताह में एक बार और यदि संभव न हो तो महीने में एक बार एक घंटा बच्चों को पढ़ाने आस-पास के स्कूल जरूर जायें. उन्होंने कहा कि प्रदेशवासी किसी न किसी स्कूल से अपने आप को जोड़ें. उन्होंने आग्रह किया कि स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में सहयोगी बनें और विद्यादान का भी आनंद प्राप्त करें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिल-बाँचें मध्यप्रदेश अभियान बच्चों की शिक्षा से समाज को जोडऩे का प्रयास है. उन्होंने कहा कि वे माह में दो बार एक घंटा बच्चों को पढ़ाने प्रदेश के किसी न किसी स्कूल में जायेंगे.
चौहान आज ‘मिल-बाँचें मध्यप्रदेश’ कार्यक्रम में राजधानी भोपाल के शासकीय संजय गांधी माध्यमिक शाला में बच्चों के बीच पहुँचे. इसी स्कूल में उन्होंने पढ़ाई की थी. उन्होने कहा कि जहाँ से शिक्षा मिली वहाँ आकर मन आनंद से भर गया और स्कूल के दिन याद आ गये।चौहान ने कहा कि इसी स्कूल में नेतृत्व के गुणों का धीरे-धीरे विकास हुआ. उन्होंने याद किया कि कैसे बच्चों को स्कूल की ओर से साँची और उदयगिरि टूर पर ले जाया गया था. उन्होंने अपने गुरूओं को भी याद किया जिन्होंने उनकी प्रतिभा पहचान कर निखारना शुरू कर दिया था. उन्होंने कहा कि व्यक्ति जो सोचता और करता है वह वैसा ही बन जाता है.
चौहान ने बच्चों को पढ़ाने के अपने अनुभव बाँटते हुए कहा कि शिक्षक बनकर बच्चों को पढ़ाने के साथ शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाने और गुणा-भाग करवाने में आत्मिक आनंद मिला. जीवन में अच्छा काम करने का संकल्प बच्चों ने लिया. यदि ऐसे ही बच्चों को प्रेरक प्रसंग सुनाकर शिक्षा दी जाये, तो बच्चे चमत्कार कर सकते हैं.
चौहान ने कहा कि बच्चों ने दत्तचित्त होकर गुरू की आज्ञा पालन की कहानियाँ सुनी और सबक भी लिया कि गुरू की आज्ञा का हमेशा पालन करना चाहिये. उन्होंने बच्चों से पाँचवीं कक्षा की भाषा भारती की कविता पुष्प की अभिलाषा तथा अन्य पाठ पढ़वाया. बच्चों ने अच्छी तरह पूरी शुद्धता और सही उच्चारण से पाठ पढ़ा.
युवा अपने पूर्व स्कूल पढ़ाने जाएं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने युवाओं से अपने पूर्व विद्यालय को बेहतर बनाने में सहभागी बनने का आव्हान किया है. युवाओं से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिये शीघ्र ही एक और कार्यक्रम बनाया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालय के पूर्व विद्यार्थी अपने स्कूल को ठीक करने, उसकी देख-रेख और पढ़ाने के लिए माह में यदि एक दिन का भी समय निकाल सकें तो वे इस अभियान से अवश्य जुड़े.
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी युवाओं का आव्हान किया कि राज्य सरकार के इस प्रयास में वे साथी बनकर अपने पूर्व स्कूल को बेहतर बनाये. उन्होंने कहा कि सरकार अभियान को जन-सहभागिता से सफल बनाना चाहती है. आज मिल-बाँचें मध्यप्रदेश कार्यक्रम में लगभग दो लाख लोगों ने जुडक़र उसे सफल बनाने का प्रयास किया है. शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने का अभियान एक जन-अभियान बन सकता है. राज्य सरकार इस दिशा में प्रयास करेंगी.

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