KV में लघु नाटिका ने दर्शकों का मन मोहा

भोपाल,केन्द्रीय विद्यालय क्रम 1 भोपाल के इकतालीसवें वार्षिकोत्सव के दौरान छात्रों की रंगारंग प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया. कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति की झलक कल आज और कल के माध्यम से सिंधु-घाटी की सभ्यता से लेकर दुष्यंत-शकुंतला और उनके पुत्र भरत से लेकर सम्राट अशोक के हृदय परिवर्तन को लघु नाटिका के द्वारा शानदार ढंग से चित्रित किया गया था.
इस अवसर पर डॉ. अनुपम कश्यपी नामिती अध्यक्ष, विद्यालय प्रबंध समिति एवं निदेशक, भारत मौसम विज्ञान विभाग भोपाल, मुख्य अतिथि तथा इसमपाल, उपायुक्त,केन्द्रीय विद्यालय संगठन, भोपाल संभाग विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे.
इस अवसर पर केन्द्रीय विद्यालयों के स्थानीय प्राचार्य भी उपस्थित थे. कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यअतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं अन्य गणमान्य अतिथि द्वारा दीप-प्रज्ज्वलन के साथ हुआ. विद्यालय के प्राचार्य सौरभ जेटली ने मुख्य अतिथि डॉ. अनुपम कश्यपी, विशिष्ट अतिथि, इसमपाल तथा अन्य उपस्थित प्राचार्यगणों का स्वागत किया.उन्होंने विद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. इसके बाद शैक्षिक विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त छात्र-छात्राओं को मुख्य अतिथि ने पुरस्कार वितरित किए तत्पश्चात भारतीय संस्कृति की झलक कल आज और की रंगारंग प्रस्तुति प्रारम्भ हुई. विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक सिंधु-घाटी की सभ्यता से लेकर दुष्यंत-शकुंतला- पुत्र भरत, जिनके नाम से इस राष्ट्र का नाम भारत पड़ा, महात्मा बुद्ध, महावीर, नानक व सम्राट अशोक जिन्हें अशोक महान के नाम से जाना जाता है, के हृदय परिवर्तन को लघु नाटिका द्वारा प्रस्तुत किया गया.पृथ्वीराज चौहान की शब्दवेधी बाण चलाने की कला तो वहीं साहित्य में निर्गुण शाखा के कबीर, सगुण शाखा की मीराबाई और अकबर महान के नवरत्न प्रदर्शित किए गए.

इसके बाद स्वतन्त्रता आंदोलन की झलकियाँ, गांधीजी द्वारा नमक निर्माण के साथ सविनय अवज्ञा आंदोलन, दूसरी ओर क्रांति वीर मंगल पांडे, भगत सिंह, राजगुरु के बलिदान की गाथा के पश्चात स्वतन्त्रता प्राप्ति और स्वातंत्र्योत्सव का रोमांचक व रोचक प्रदर्शन किया गया . तत्पश्चात हरितक्रांति, श्वेतक्रांति व विविध परमाणु परीक्षण, मंगलग्रह पर उपग्रह प्रक्षेपण फिर योगासन प्रदर्शन के साथ स्वस्थ, सम्पन्न एवं समृद्ध भारत की संकल्पना की रोचक प्रस्तुति की गई.

श्रीमती सुसाना कुजूर, उप प्राचार्या द्वारा आभार प्रदर्शन तथा अंत में राष्ट्रीय गान के साथ वार्षिकोत्सव का यह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ.

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