डूबने से मौत रोकने जिम्मेदारी तय हो

भोपाल, भारत सहित दुनिया भर में हर वर्ष हजारों लोग पानी में डूबकर अपनी जान गंवा देते हैं. घर में पानी के टब से लेकर, पानी की टंकी, कुंए, बावड़ी, खदानें, नदी, तालाब और समुद्र इन मौतों का कारण बनते हैं. भारत में न तो इन मौतों को रोकने सुरक्षा इंतजाम हैं और न ही कोई जिम्मेदार विभाग या कानून.
देशभर में चलाए जा रहे डिजास्टर रिस्क रिडक्शन कार्यक्रम में भी डूबने से होने वाली मौतों को रोकने का कहीं भी जिक्र नहीं है। बढ़ती हुई मौतों को रोकने कानून व दिशानिर्देश बनाने व जिम्मेदारी तय करने की आवश्यकता है. उक्त बात मंदार एण्ड नो मोर मिशन के तहत आयोजित डूबने से बचाव विषय पर आयोजित नेशनल कान्फ्रेंस में निकलकर सामने आई. इस कान्फ्रेंस का आयोजन रोटरी क्लब, भोपाल मैनेजमेंट एसोसिएशन, बीएसएनएल तथा मंदार एण्ड नो मोर मिशन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया जिसमें डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम के उपायों पर विमर्श किया गया.
इस कान्फ्रेंस को प्रदेश के राज्यपाल के उच्च शिक्षा सलाहकार प्रोफेसर राजपाल सिंह के मुख्य आतिथ्य तथा युवा नेता व समाजसेवी राहुल कोठारी की अध्यक्ष्ता में आयोजित किया गया. मिसेस इण्डिया क्लासिक अर्थ जया महेश तथा कैलीफोर्निया से आई शिक्षाविद जैनिस ऑस्टिन सहित देश-विदेश से आए विभिन्न विषय विशेषज्ञों ने कार्यक्रम को संबोधित किया. कार्यक्रम में शहर के विभिन्न शैक्षिक संस्थानों के विद्यार्थी व प्रतिनिधि अपने सुझावों के साथ शामिल हुए.
प्रोफेसर राजपाल सिंह ने कहा कि बीते डेढ़ वर्षों में जिस संख्या में आमजन से लेकर विभिन्न संस्थाओं का समर्थन मिला है उससे यह मिशन जल्द ही राष्ट्रीयस्वरूप प्राप्त कर लेगा. उन्होंने मिशन को अपना पूरा सहयोग प्रदान करने का भरोसा दिलाया.
राहुल कोठारी ने कहा कि इस कान्फ्रेस से निकलकर आने वाले निष्कर्षों को वे राज्य तथा केन्द्र सरकार के पास लेकर जाएंगे तथा इस दिशा में प्रभावी कानून बनवाने का प्रयास करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि कानून बनवाने अगर जरूरत पड़ी तो वे सांसदों के साथ मिलकर लोकसभा में प्रायवेट बिल पेश करने से भी पीछे नहीं हटेंगे.

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