श्रम और श्रमिक का सम्मान करो : भागवत

भोपाल,सेवाभारती के रजत जयंती समारोह में शिरकत कर रहे श्रम साधक संगम में बोलते हुए संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि हमें अपने काम और व्यवहार से संदेश दिया था कि कोई भी काम और मनुष्य छोटा-बड़ा नहीं होता, सब समान होते हैं. हमें अपने श्रम को हल्का नहीं मानना चाहिए. समाज को उसकी आवश्यकता है, इसलिए हम वह श्रम कर रहे हैं.
श्रम में जिसका मान होता है, वही देश का विकास करता है. इसलिए हमें श्रम और श्रमिकों का सम्मान करना चाहिए. राजा की सवारी के लिए सब रास्ता छोड़ते हैं, परंतु सवारी के सामने श्रमिक आ जाए तो राजा भी उसके लिए रास्ता छोड़ देते हैं. यह हमारी परंपरा है.
कार्यक्रम का आयोजन संत रविदास जयंती और अपने रजत जयंती वर्ष के अवसर पर सेवाभारती की ओर से श्रम साधक संगम का आयोजिन था, जिसमें भोपाल की 160 सेवा बस्तियों के सभी प्रकार के श्रम साधक उपस्थित थे.
तीन,अवसर एक साथ होने पर उसे त्रिवेणी बताते हुए उन्होंने कहा कि सेवा का अंग्रेजी में अर्थ सर्विस बताया जाता है। सर्विस के साथ वेतन भी होता है. इसलिए अपने यहाँ इसे सेवा नहीं माना जाता है. जो व्यक्ति यह कहता है कि उसने बहुत सेवा की है अर्थात् सेवा का अहंकार जब प्रकट होता है, तब उसका मूल्य माटी हो जाता है. सेवाभारती के कार्यों की सराहना करते हुए सरसंघचालक ने कहा कि सेवाभारती के कार्यकर्ता समाज को अपना मानते हैं, इसलिए सेवा कार्य करते हैं.
इन्हें मिलार सेवा के लिए सम्मान :
1 सर्वश्रेष्ठ छात्रावास सम्मान-2017 सरला-विनोद वनवासी छात्रावास, ग्वालियर

2 सेवावृत्ति पुरस्कार-2017 पुरुषोत्तम मेघवाल

3 स्व. तात्या साहब पिंपलीकर सेवा सम्मान-2017 श्रीमती सुधा पाचखेड़े

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *