जीएसटी अब 1 जुलाई से ही संभव

नई दिल्ली. जीएसटी बिल अब 1 अप्रैल नहीं बल्कि 1 जुलाई से लागू होगा. इसे लागू करने की तिथि बदलने का ऐलान वित्त मंत्री अरूण जेटली ने किया. 1 अप्रैल की तिथि पर सहमति नहीं बनने की वजह से सरकार को जीएसटी लागू करने खातिर ज्यादा वक्त लेना पड़ा.
जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जीएसटी को लेकर अहम घोषणाएं की. जीएसटी में एक बड़ा पेच केंद्र और राज्यों के बीच टैक्सेशन सिस्टम में ड्यूल कंट्रोल को लेकर था. अरुण जेटली ने कहा कि ड्यूल कंट्रोल को लेकर पूरे दिन चर्चा चली. वित्त मंत्री ने फिर एक बार स्पष्ट किया कि पूरा टैक्सेशन बेस केंद्र और राज्यों के बीच साझा किया जाएगा.
वित्त मंत्री ने बताया कि 1.5 करोड़ या उससे कम के टर्नओवर वाले 90 फीसदी जीएसटी करदाताओं का आकलन राज्य जबकि 10 फीसदी का केंद्र करेगा.
वित्त मंत्री के मुताबिक 1.5 करोड़ से अधिक के टर्नओवर वाले जीएसटी करदातओं के आकलन में केंद्र और राज्यों का अनुपात 50:50 फीसदी का होगा. अरुण जेटली ने बताया कि 12 नॉटिकल मील की समुद्री सीमा पर होने वाली आर्थिक गतिविधियों के आकलन का अधिकार राज्यों के पास ही होगा.
वित्त मंत्री ने बताया कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक 18 फरवरी को होगी. उन्होंने इतनी लंबी अवधि के बाद बैठक रखने के पीछे की मुख्य वजह केंद्रीय और राज्यों के वित्त मंत्रियों के आने वाले बजट की प्रक्रिया में व्यस्त होने को बताया.
गौरतलब है कि जीएसटी के रूप में बिक्री पर पूरे देश में हर जगह एक ही प्रकार का कर लागू होने से भारत दुनिया का सबसे बड़ा साझा बाजार बन कर उभरेगा. भारत दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. जीएसटी से कारोबार करने वालों को आसानी होगी. इससे टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी और सरकारों का राजस्व बढ़ेगा.

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