इंदौर, कप्तान पार्थिव पटेल की 143 रनों की शानदार पारी की बदौलत गुजरात ने उनके दम पर 41 बार के चैंपियन मुंबई को फाइनल में पांचवें और अंतिम दिन शनिवार को पांच विकेट से हराकर पहली बार रणजी चैंपियन बनने का इतिहास रच दिया.
गुजरात के सामने 312 रन का लक्ष्य था और कप्तान पटेल ने 196 गेंदों पर 24 चौकों की मदद से 143 रन की मैच विजयी पारी खेली. पटेल जब पांचवें बल्लेबाज के रूप में आउट हुये तो गुजरात का स्कोर 299 पहुंच चुका था और मंजिल करीब थी. गुजरात ने 89.5 ओवर में पांच विकेट पर 313 रन बनाकर ऐतिहासिक जीत अपने नाम की. गुजरात ने इसके साथ ही रणजी ट्राफी के 83 वर्ष के इतिहास में फाइनल में सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का रिकार्ड भी बना दिया. गुजरात ने हैदराबाद का रिकार्ड तोड़ा जिसने 1937-38 में नवानगर के खिलाफ 310 रन का लक्ष्य हासिल किया था.
66 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद गुजरात अपना पहला रणजी फाइनल खेल रहा था. गुजरात इससे पहले 1950-51 में रणजी ट्राफी के फाइनल में पहुंचा था लेकिन तब उसे खिताबी मुकाबले में होल्कर से हार का सामना करना पड़ा था.
उसके बाद से गुजरात ने एक लंबा सफर तय करते हुये 66 साल बाद जाकर फाइनल में जगह बनाई और मुंबई का 42वीं बार खिताब जीतने का सपना तोड़ दिया. मुंबई इससे पहले आखिरी बार वर्ष 1990- 91 के फाइनल में हारी थी. पार्थिव पटेल ने गुजरात को चैंपियन बनाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. पटेल ने दिसंबर 2015 में अपना पहला लिस्ट-ए शतक बनाया था और गुजरात को 50 ओवर की घरेलू चैंपियनशिप विजय हजारे ट्राफी में पहली खिताबी जीत दिलायी थी.