नई दिल्ली. नोटबंदी के बाद के दो महीनों में सिफऱ् लघु व मझोले उद्योग के क्षेत्र में ही तकरीबन 15 लाख लोगों की नौकरियां गई हैं. ऑल इंडिया मैन्युफ़ैक्चरर्स ऑर्गनाइजेशन (एआईएमओ) के एक अध्ययन के मुताबिक 8 नवंबर से 12 दिसंबर के बीच लाखों लोगों की नौकरियां गई हैं. एआईएमओ से 13,000 उद्योग-धंधे सीधे जुड़े हुए हैं और तकऱीबन तीन लाख सदस्य परोक्ष रूप से जुड़े हुए हैं. यह सिर्फ एमएसएमई यानी माइक्र, स्मॉल और मीडियम आकार की कपंनियों और करोबारियों का संगठन है. इसके ज़्यादातर सदस्य महाराष्ट्र और तमिलनाडु में हैं.
सोने पर चोट
नोटबंदी से देश में सोने की मांग 300 टन कम होने का अनुमान है और इसके जल्द ही लौटने के भी आसार नहीं हैं सोने का औसत मासिक आयात पिछले कुछ वर्षों के दौरान 65 से 70 टन के आसपास रहा है, लेकिन पिछले साल फरवरी से सितंबर के बीच यह घटकर आधा रह गया. हालांकि त्योहार और शादी के सीजन से अक्टूबर और नवंबर में मांग सुधरी थी. वहीं नोटबंदी से मांग में आगे और कमी आने के आसार हैं.
नोटबंदी ने निगली 15 लाख नौकरियां
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