बेंगलुरु. कार्ड के जरिये भुगतान पर कर लगाने के बैंकों के निर्णय के विरोध में पूरे देश के पेट्रोल पंप परिचालकों ने डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिये भुगतान स्वीकार नहीं करने का फैसला किया है. नकदीरहित लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने उपभोक्ताओं के लिए ईंधन की खरीद पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) खत्म कर दिया था लेकिन 50 दिन की छूट की अवधि समाप्त होने के बाद बैंकों ने पेट्रोल पंप मालिकों पर एमडीआर लगाने का निर्णय किया है.
पेट्रोल पंप डीलरों के इस निर्णय से नकदी की कमी से जूझ रहे लोगों की मुसीबत बढ़ने वाली है. इतना ही नहीं सरकार की कैशलेस स्कीम को भी धक्का पहुंचेगा.ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर कहा है कि “एचडीएफसी और अन्य बैंक” अतिरिक्त शुल्क वसूल रहे हैं. इस शुल्क को ग्राहकों से वसूलने की कोई बात नहीं है. लिहाजा डीलरों को वित्तीय नुकसान झेलना होगा.
पेट्रोल पंपों को बैंकों से सूचना मिली है कि नौ जनवरी 2017 से सभी क्रेडिट कार्ड से किए जाने वाले ट्रांजेक्शन पर 1 फीसदी और सभी डेबिट कार्ड से किए जाने वाले ट्रांजेक्शन पर 0.25 से 1 फीसदी तक का शुल्क वसूल जाएगा.गौरतलब है कि 8 नवंबर को मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी की घोषणा किए जाने के बाद से पेट्रोल पंपों पर कैशलेस ट्रांजेक्शन बढ़ गया है. सरकार नकद रहित भुगतान को बढ़ावा दे रही है.