ग्राहक की मर्जी पर ही रेस्टोरेंट में सर्विस चार्ज

नई दिल्ली,देश के उपभेक्ता संरक्षण मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि रेस्टोरेंट ग्राहकों से जबर्दस्ती सर्विस चार्ज ले रहे हैं. क्यशेंकि इससे संबंधित एक्ट के तहत रेस्टोरेंट में सर्विस चार्ज देना वैकल्पिक है और ग्राहकों की स्वीकृति बगैर इसे नहीं लिया जा सकता है.
पिछले कई महीनों से मंत्रालय को रेस्टोरेंट द्वारा जबरन सर्विस चार्ज वसूले जाने पर लगातार शिकायत मिल रही थी. शिकायत के मुताबिक टिप के ऐवज में रेस्टोरेंट 5-20 फीसदी तक सर्विस चार्ज ग्राहकों से वसूल रहे हैं. ग्राहकों को यह चार्ज रेस्टोरेंट में कैसी भी सर्विस मिलने पर देना पड़ रहा था. यदि कोई कारोबारी अपनी सेल बढ़ाने अथवा किसी उत्पाद को सप्लाई करने के लिए गैरकानूनी या भ्रम का फायदा उठाता है तो उसे अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस माना जाता है. जिससे उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. इसी एक्ट में ग्राहक उपभेक्ता संरक्षण विभाग को शिकायत दर्ज करा सकेंगे.
दरअसल,लगातार ग्राहकों से शिकायत मिलने के बाद केंद्रीय मंत्रालय ने होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया से सफाई मांगी थी. एसोसिएशन ने सरकार को लिखित जवाब में कहा है कि सर्विस चार्ज देना पूरी तरह से ग्राहकों की इच्छा पर निर्भर है . यह रेस्टोरेंट और होटल में दी गई सुविधा से ग्राहक संतुष्ट नहीं है तो वह इस चार्ज को बिल से हटाने के लिए कह सकता है.अपने इस निर्देश के बाद केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों से अपील की है कि वह सर्विस चार्ज संबंधित कानून को व्यापक बनाने का प्रयास करें जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस प्रावधान के बारे में जान सकें.

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