रायपुर, छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित इलाकों में जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं आता वहां भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 41 वीं बटालियन ने अभिनव प्रयोग करते हुए बच्चों को हाईटेक तरीके से पढ़ाई का अवसर प्रदान किया है। बच्चे यूट्यूब समेत कई अन्य ऑनलाइन माध्यमों से ज्ञानवर्धक और मनोरंजक माहौल में पढ़ाई कर ज्ञान अर्जित कर रहे हैं। दरअसल, बच्चों के लिए यह व्यवस्था की है भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 41 वीं बटालियन ने। बटालियन ने छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित तैनाती वाले इलाके हदेली, कोंडागांव और आस पास के गांवों के स्कूली बच्चों के लिए स्मार्ट क्लासेज शुरू की है।
ये क्लासेज कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और इंटरनेट के माध्यम से चलाए जा रही हैं। आईटीबीपी के जवानों ने खुद इसके लिए पहल करते हुए सभी मूलभूत उपकरणों आदि को इकट्ठा किया है। आईटीबीपी प्रवक्ता विवेक पांडेय के अनुसार, अभी लगभग 50 बच्चे इन क्लासेज का लाभ उठा रहे हैं। स्कूल की कक्षाओं के बाद दोपहर में आईटीबीपी कैंप में बने क्लास रूम में ये स्मार्ट कक्षाएं चलाई जाती हैं। वह बताते हैं कि हालांकि इस इलाके में मोबाइल नेटवर्क थोड़ा कमज़ोर है, इसके लिए जवान अपने मोबाइल फोन को पेड़ों के ऊपर या किसी बांस या पोल के माध्यम से ऊंचाई देते हैं और कक्षा में रखे लैपटॉप को वाईफाई से नेटवर्क मिल जाता है। प्रोजेक्टर से लार्ज स्क्रीन इफेक्ट तैयार किया जाता है और यूट्यूब समेत कई अन्य ऑनलाइन माध्यमों से बच्चों को ज्ञानवर्धक और मनोरंजक माहौल में पढ़ाया जाता है।
उन्होंने बताया कि इसके साथ जवान कक्षा के बच्चों से स्थानीय भाषा हल्बी का भी ज्ञान प्राप्त करते हैं। बच्चों को मूलतः गणित और अंग्रेज़ी पढ़ाई जाती है/ इन क्लासेज को आईटीबीपी के अधिकारी और जवान स्वयं संचालित करते हैं, कई जवानों को पूर्व में शिक्षण का अनुभव है। साथ ही, ऑनलाइन अन्य आईटीबीपी के कैंप के अधिकारी इन बच्चों को पढ़ाते हैं और प्रेरित करने के लिए अपने अनुभव साझा करते हैं।
छग के नक्सल प्रभावित इलाकों में जहाँ नेटवर्क नहीं आता वहां बच्चे अब स्मार्ट क्लासेज से पढ़ रहे गणित-अंग्रेजी
