वाराणसी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सीएए और धारा 370 को लेकर अपने विरोधियों को साफ संदेश दे दिया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया भर के तमाम दबावों के बावजूद उनकी सरकार संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और अनुच्छेद 370 हटाने के फैसलों पर कायम है और आगे भी कायम रहेगी।
इधर,मोदी ने जंगमवाड़ी मठ में पूजा-अर्चना की। उन्होंने श्री जगद्गुरु विश्ववर्धय गुरुकुल के शताब्दी समारोह के समापन समारोह में भी भाग लिया और 19 भाषाओं में श्री सिद्धान्त शिखमणी ग्रन्थ के अनुदित संस्करण और इसके मोबाइल एप्लिकेशन का विमोचन किया। इस दौरान उनके साथ कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी मौजूद थे। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे। इस दौरान वहां लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत में राष्ट्र का ये मतलब कभी नहीं रहा कि किसने कहां जीत हासिल की, किसकी कहां हार हुई। हमारे यहां राष्ट्र सत्ता से नहीं, संस्कृति और संस्कारों से सृजित हुआ है, यहां रहने वालों के सामर्थ्य से बना है। पीएम मोदी ने कहा वीरशैव परंपरा वह है, जिसमें वीर शब्द को आध्यात्म से परिभाषित किया गया है। वह व्यक्ति जो विरोध की भावना से ऊपर उठ गया है, वही वीरशैव है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संस्कृति और संस्कृत की संगम स्थली में आप सभी के बीच आना, मेरा लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है। बाबा विश्वनाथ के सानिध्य में, मां गंगा के आंचल में, संत वाणी का साक्षी बनने का अवसर बार-बार नहीं मिलता। पीएम मोदी ने कहा कि वीरशैव परंपरा वह है, जिसमें वीर शब्द को आध्यात्म से परिभाषित किया गया है। जो विरोध की भावना से ऊपर उठ गया है, वही वीरशैव है। पीएम मोदी ने कहा कि यही कारण है कि समाज को बैर, विरोध और विकारों से बाहर निकालने के लिए वीरशैव परंपरा का सदैव आग्रह रहा है।
अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में प्रधानमंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेमोरियल सेंटर को राष्ट्र को समर्पित करने और विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद कहा, देश आज वहां फैसले भी ले रहा है जो हमेशा पीछे छोड़ दिये जाते थे। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला हो या फिर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), वर्षों से देश को इन फैसलों का इंतजार था।उन्होंने कहा,देशहित में ये फैसले जरूरी थे और दुनिया भर के तमाम दबावों के बावजूद हम इन फैसलों पर कायम हैं और हमारी सरकार कायम रहेंगी।
दरअसल देश के विभिन्न हिस्सों में सीएए के खिलाफ जारी अनिश्चितकालीन प्रदर्शनों के मद्देनजर प्रधानमंत्री का यह बयान बहुत महत्वपूर्ण है। मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अन्त्योदय के सिद्धांत को अपनी सरकार के इरादों से जोड़कर कहा कि दीनदयाल जिस तरह अन्त्योदय की बात करते थे, वैसे ही देश के छोटे शहरों का उदय देश के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की विकास परियोजनाओं का विशेष लाभ इन छोटे शहरों और उनमें रहने वाले लोगों को ही हुआ है। अभी हाल में जो बजट आया है, उसमें सरकार ने घोषणा की है कि मूलभूत ढांचे के निर्माण पर 100 लाख करोड़ से ज्यादा धनराशि खर्च की जाएगी। इसका बहुत बड़ा हिस्सा देश के छोटे-छोटे शहरों के खाते में ही जाने वाला है। सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मुद्रा सहित विभिन्न योजनाओं का जिक्र कर कहा कि दीनदयाल कहते थे कि आत्मनिर्भरता और स्वयं सहायता सभी योजनाओं के केन्द्र में होने चाहिये।
उनके इन विचारों को सरकार की योजनाओं और कार्यप्रणाली में निरतंर लाने का प्रयास हो रहा है। मुझे विश्वास है कि पंडित दीनदयाल की आत्मा जहां भी होगी,हमें निरंतर आशीर्वाद और प्रेरणा देती रहेगी। इस दौरान अपने संसदीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री ने करीब 1,250 करोड़ की लागत वाली करीब 50 विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इनमें काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 430 बिस्तरों वाला सुपर स्पेशियलिटी सरकारी अस्पताल और विश्वविद्यालय में 74 बिस्तरों वाला मनोरोग अस्पताल भी शामिल है। मोदी ने आईआरसीटीसी की महाकाल एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई। देश की पहली ओवरनाइट निजी रेलगाड़ी तीन ज्योतिर्लिंग तीर्थ स्थलों वाराणसी, उज्जैन और ओंकारेश्वर को जोड़ेगी। इसके पूर्व, मोदी ने वीरशैव समुदाय के जंगमबाड़ी मठ में आयोजित श्री जगदगुरु विश्वराध्य गुरुकुल के शताब्दी समारोह के समापन पर कहा कि भारत की सही पहचान को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने का दायित्व हम सभी पर है। देश सिर्फ सरकार से नहीं बनता, बल्कि एक-एक नागरिक के संस्कार से बनता है। एक नागरिक के रूप में हमारा आचरण ही नए भारत की दिशा तय करेगा। उन्होंने श्री सिद्धान्त शिखमणी ग्रन्थ के 19 भाषाओं में अनुदित संस्करण और इसके मोबाइल एप्लिकेशन का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि इस ग्रंथ को 21वीं सदी का रूप देने के लिये वह विशेष अभिनन्दन करते हैं। भक्ति से मुक्ति का मार्ग दिखाने वाले इस दर्शन को भावी पीढ़ी तक पहुंचाया जाना चाहिये। एक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से यह दर्शन युवाओं तक पहुंचकर उन्हें प्रेरणा देगा।
सीएए और 370 पर नहीं झुकेगी सरकार ,राष्ट्र की अवधारणा सत्ता से नहीं, संस्कृति और संस्कारों से आई – मोदी
