बुंदेलखंड पैकेज का पैसा डकारने के आरोप में ईओडब्ल्यू 100 से ज्यादा इंजीनियरों की करेगा जांच

भोपाल, मध्य प्रदेश में बुंदेलखंड पैकेज) में हुए घोटाले में ईओडब्ल्यू ने अपनी जांच तेज कर दी है। उसने प्राथमिक जांच दर्ज कर 9 विभागों के जिम्मेदार अफसरों सहित 100 से ज्यादा इंजीनियर को रडार पर लिया है। बुंदेलखंड पैकेज में भ्रष्टाचार की कई स्तर पर जांच की गई। लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने की वजह से इस भ्रष्टाचार पर हमेशा से सियासत होती आ रही है। सत्ता बदलने के बाद नाथ सरकार ने भ्रष्टाचार और घोटालों की जांच का ऐलान किया था। ऐसे में एक बार फिर इस मामले की जांच की जा रही है। इस बार ईओडब्ल्यू ने प्राथमिक जांच दर्ज कर ली है।
तकनीकी परीक्षक की रिपोर्ट जांच में शामिल
ईओडब्ल्यू ने 2015-16 में मुख्य तकनीकी परीक्षक की रिपोर्ट को अपनी जांच में शामिल किया है. इसमें पीएचई और फॉरेस्ट विभाग के जरिए किए गए कामों में बड़ा घोटाला पकड़ में आया था। ईओडब्ल्यू ने रिपोर्ट के साथ तमाम दूसरे तथ्यों को अपनी जांच में लिया है। अब तक की जांच में पता चला है कि बुंदेलखंड पैकेज के लिए आए करोड़ों रुपए का बंदरबांट हुआ है। तमाम निर्माण कार्यों में विभागों के जिम्मेदारों से लेकर जिन एजेंसियों तक ने हर स्तर पर भ्रष्टाचार किया। ईओडब्ल्यू की रडार पर तमाम विभागों के जिम्मेदारों के साथ 100 से ज्यादा इंजीनियरों के खिलाफ सबूत जुटाए जा रहा हैं।
ऊपर से लेकर नीचे तक सब शामिल
बुंदेलखंड के विकास के लिए यूपीए सरकार ने साढ़े तीन हजार करोड़ का पैकेज दिया था. इस पैकेज के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, बांध, सिंचाई, पेयजल, परिवहन, सड़क, वन का विस्तार सहित कई विकास कार्य होने थे। ईओडब्ल्यू ने शिकायतों के आधार पर इस मामले में प्राथमिक जांच दर्ज की है. अभी तक की जांच में पता चला है कि पैकेज के तहत मिली सरकारी राशि का जमकर दुरुपयोग हुआ। सूत्रों के अनुसार पीएचई, फॉरेस्ट, पीडब्ल्यूडी सिंचाई और ग्रामीण विकास विभाग इसमें शामिल हैं। सामान खरीदने से लेकर निर्माण कार्य तक हर काम में मनमानी की गयी. ईओडब्ल्यू ऐसे तमाम अधिकारी कर्मचारियों के कनेक्शन की जांच और उनके खिलाफ सबूत जुटा रही है।
जांच की मॉनिटरिंग
सागर की टीम इस केस की जांच कर रही है। तमाम अधिकारी और कर्मचारियों के बयान लिए जा रहे हैं. तमाम दस्तावेज इक_ किए जा रहे हैं। इस पूरे मामले में जो सबूत हाथ लगे हैं, उस पर सबसे पहले ईओडब्ल्यू के भोपाल स्थित मुख्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों ने मंथन किया। उसके बाद प्राथमिक जांच दर्ज करने के निर्देश सागर टीम को दिए और फिर प्राथमिक जांच दर्ज की गयी। मुख्यालय हर हफ़्ते जांच से संबंधित जानकारी सागर की टीम से लेता है। पूरे मामले की पल-पल की मॉनिटरिंग की जा रही है। प्राथमिक जांच दर्ज होने के बाद किस पर एफआईआर दर्ज की जाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *