ई-टेंडर घोटाले में बढ़ी नरोत्तम की मुश्किले, ईओडब्ल्यू ने आईटी से मांगी रिश्वत के आरोपो की फाईल, मुकेश की गिरफ्तारी भी संभव

भोपाल, प्रदेश के बहुचर्चित ई-टेंडर घोटाले को लेकर एक्शन मोड मे आई सरकार ओर ईओडब्ल्यू टीम द्वारा तेजी से की जा रही कार्यवाही के चलते पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा की मुश्किले अब ओर बढती जा रही है। पूर्व मंत्री के करीबी मुकेश शर्मा से आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने एकबार फिर पूछताछ शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार मुकेश शर्मा से करीब 48 घंटो तक पूछताछ करने के बाद शनिवार देर शाम को उन्हे जाने दिया गया था, लेकिन रविवार सुबह उन्हे पुछताछ के लिये फिर तलब कर लिया गया। वही दुसरी ओर इस घोटाले मे मिश्रा के दो अन्य करीबियों मे शामिल उनके पूर्व निज सचिव निर्मल अवस्थी और वीरेंद्र पांडे जिन्हे तीन दिन पहले पुलिस रिमांड पर लिया गया था, रिमांड की अवधि खत्म होने के बाद आज दोनो को कोर्ट मे पेश किया गया जहॉ से पुलिस ने उन्हे दोबार रिमांड पर सोपै जाने की मांग की जिसके बाद कौर्ट ने दोनो को चार दिन के लिये दोबार रिमांड पर सौंप दिया। अब ईओडब्ल्यू दोनो से 8 अगस्त तक पुछताछ करेगाद। गोरतलब है की रिमांड के दौरान दोनो से नगरीय प्रशासन, स्वास्थ्य और जल संसाधन विभाग के टेंडरों को लेकर पूछताछ की जा रही है। सुत्रो का कहना है की ईओडब्ल्यू अब अवस्थी, पांडे और मुकेश शर्मा को ई-टेंडर घोटाले में एजेंट मानकर चल रही है। सूत्रों के मुताबिक ई-टेंडर घोटाले में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के करीबियों मे शामिल दोनो निज सचिवो की गिरफ्तारी के बाद अब ईओडब्ल्यू का शिकंजा मिश्रा के अन्य करीबी मुकेश शर्मा पर भी कस गया है, सुत्रो की मानी जाये तो मुकेश शर्मा के खिलाफ ईओडब्ल्यू को साक्ष्य मिले हैं, जिन्हें लेकर शर्मा को ईओडब्ल्यू द्वारा जल्द ही गिरफ्तार किया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि मुकेश शर्मा इंदौर के विजय नगर में रहता है। उनकी प्रेमप्रकाश ट्यूब कंपनी भी है। उसका नाम करीब एक दशक पहले आयकर के एक छापे में भी आया था, जिसमें एक वाहन चालक के लॉकर से करोड़ों रुपए मिले थे। मुकेश शर्मा के बारे में ईओडब्ल्यू को यह सूत्र हाथ लगे हैं कि उसके नगरीय प्रशासन, स्वास्थ्य और जल संसाधन विभाग के ई-टेंडरों में प्रमुख भूमिका रही है, ओर वो नरोत्तम मिश्रा के लिये दलाली का काम करता था। जिन टेंडरों में छेड़छाड़ की गई उनमें मुकेश शर्मा की भूमिका को लेकर ईओडब्ल्यू ने कई सवाल पहले ही तैयार कर रखे थे। उनके जवाब शर्मा से मांगे जा रहे हैं। बताया जाता है कि ईओडब्ल्यू ने पुलिस रिमांड पर लिए गए निर्मल अवस्थी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का एक और मामला दर्ज करने की तैयारी है। ईओडब्ल्यू सूत्र बताते हैं कि पुरे मामले मे ईओडब्ल्यू ने आयकर विभाग से साल 2009 की वो रिर्पाट मंगवाई है, जिसमे नरोत्तम मिश्रा पर हैदराबाद की कंपनी से रिश्वत लेने के आरोप लगे थे, सुत्रो का कहना है की इस मामले मे ईओडब्ल्यू भ्रष्टाचार का अलग प्रकरण दर्ज करने की तैयारी मे है। वही टीम को मुकेश शर्मा से पुछताछ मे भी अहम जानकारी हाथ लगी है, जिसके बाद नरोत्तम मिश्रा की मुशकिले बढना तय मानी जा रही है। सुत्रो का दावा है की शर्मा पर साल 2008 मे पडे छापो के बाद आयकर विभाग द्वारा बनाई गई रिर्पोट को ईओडब्ल्यू ने बुला लिया है। इस रिर्पोट के दस्तावेज के आधार पर यह कहा गया है की मुकेश शर्मा नरोत्तम मिश्रा के लिये दलाली का काम करता था। वही रिर्पाट मे 14 करोड के बेहिसाब लेनदेन का भी जिक्र है। सुत्र बताते है की आयकर विभाग की रिर्पोट ओर मुकेश शर्मा से पुछताछ के आधार पर ईओडब्ल्यू नया प्रकरण दर्ज कर इसमे मुकेश शर्मा सहित कई अन्य को भी आरोपी बनाने की तैयारी मे है।

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