मेडिकल कॉलेज के छात्र अब नहीं मार पाएंगे बंक, बॉयोमेट्रिक तकनीकी से लगेगी हाजरी 

भोपाल,प्रदेश की मेडिकल कॉजेजों में अध्ययनरत छात्र अब कक्षा से गायब (बंक) नहीं रहे पाएंगे। प्रदेश के सभी मेडिकल, डेंटल, आयुर्वेद और होम्योपैथी कॉलेजों में छात्रों की हाजिरी अब बॉयोमेट्रिक तकनीकी से लगाई जाएगी। अगले सत्र से अब बॉयोमेट्रिक तकनीकी से हाजरी लगने लगेगी। इस व्यवस्था के बाद छात्र यह शिकायत भी नहीं कर पाएंगे कि उन्हें गलत तरीके से कक्षाओं में गैरहाजिर किया गया है। इसके लिए अब उनकी हाजिरी बायोमेट्रिक तकनीक से लगेगी। मप्र मेडिकल यूनिवर्सिटी ने इन कॉलेजों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। आगामी सत्र से सभी कॉलेजों में यह व्यवस्था लागू की जाएगी। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में यह व्यवस्था लागू करने का निर्णय हुआ है। इससे छात्र, कॉलेज और यूनिवर्सिटी तीनों को सहूलियत होगी। छात्रों की उपस्थिति पूरी तरह से पारदर्शी रहेगी। इन कॉलेजों में कक्षाओं की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाएगी। ई-क्लास रूम व्यवस्था के तहत मेडिकल यूनिवर्सिटी के अधिकारी यह देख सकेंगे कि किस कॉलेज में कौन सी क्लास चल रही है। ई-क्लास रूम का फायदा यह भी होगा कि छात्र बाद में कभी भी यह लेक्चर देख व सुन सकेंगे। इस व्यवस्था से निजी कॉलेजों पर अंकुश लग जाएगा।  मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की रिपोर्ट में यह सामने आ चुका है कि कई निजी कॉलेजों में कक्षाएं नहीं लगती हैं। इसकी भी निगरानी हो सकेगी कि चिकित्सकीय कार्य व प्रैक्टिकल एमसीआई के मापदंड के अनुसार हो रहे हैं या नहीं। यूनिवर्सिटी ने सभी कॉलेजों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। मप्र मेडिकल यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर कॉलेजों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। उनकी रिकार्डिंग से भी यह देखा जा सकता है कि कक्षाएं लग रही हैं या नहीं। मेडिकल काउंसलि ऑफ इंडिया, सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन और सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथी व डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया को भी छात्रों की उपस्थिति का ब्यौरा आसानी से मिल जाएगा। छात्र कक्षाओं से गैरहाजिर नहीं रह पाएंगे। यह शिकायत नहीं कर पाएंगे कि शिक्षक ने उन्हें गलत तरीके से गैरहाजिर कर दिया है। शिक्षक भी छात्रों को गलत ढंग से गैर हाजिर नहीं कर पाएंगे। हर छात्र की उपस्थिति का पूरा ब्यौरा निकाला जाएगा। मप्र मेडिकल यूनिवर्सिटी भी छात्रों की उपस्थिति का आकलन कर सकेगी। इस संबंध में मेडिकल यूनिवर्सिटी कुलपति डॉ. आरएस शर्मा का कहना है कि आगामी सत्र से कॉलेजों में बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। इस व्यवस्था से पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार आएगा। क्लास रूम के फुटेज के जरिए भी निगरानी की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *