लखनऊ, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिस बंगले की साज सज्जा पर सत्ता के शीर्ष पर रहते हुए 42 करोड़ रुपये खर्च किए थे,लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उसी बंगले को जब उन्हें खाली करना पड़ा तो उन्होंने उस बुरी तरह से तहस नहस करके रख दिया। उनका यह सरकारी बंगला चार विक्रमादित्य मार्ग स्थित है। लेकिन अब यह खंडहर में तब्दील हो गया है। न इस बंगले को खाली करना इतना नागवार गुजरा कि छतों की फाल सीलिंग या स्वीमिंग पूल में लगी महंगी टाइल्स को या तो तोड़ दिया गया या फिर दीवारों से निकाल लिया गया। लेकिन जिस बंगले का उन्होंने इतना बुरा हाल किया उसमें एक जगह ऐसी भी थी जिस किसी ने नहीं छुआ। दरअसल, इस बंगले में हुई उठापठक के बीच बंगले में बने मंदिर को पूरी तरह से छोड़ दिया गया। यह मंदिर जस का तस मिला है।
यहां पर मंदिर का सही सलामत मिलना दिलचस्प होने के साथ-साथ ये भी बताता है कि यादव परिवार की आस्था इससे कितनी जुड़ी हुई है। यह मंदिर मुख्य बंगले के फर्स्ट फ्लोर पर बनवाया गया था। इसके दोनों ओर मार्बल की नक्काशीदार दीवारें हैं। इस बंगले में जब मीडियाकर्मी घुसे तो उन्हें मंदिर के सही सलामत रहने के अलावा एक और चीज भी दिखाई दी। यहां की दीवारें, जो लगभग उसी तरह थीं जैसे किसी आम परिवारों में होती हैं जहां छोटे बच्चे होते हैं। यहां की दीवारों पर जगह-जगह बच्चों ने चित्रकारी की हुई थी। यह लगभग हर आम घरों में दिखाई दे जाती है। बच्चों के कमरे में जहां एक दीवार पर दो पेड़ बनाए हुए थे,वहीं,एक पर फूल बना था। बच्चों ने कमरे की दीवार पर पेपर पर खुद बनाए गए घोड़े की तस्वीर भी लगा रखी थी।
इन दो चीजों के अलावा इस बंगले में हर चीज को बर्बाद कर दिया गया था। हालांकि सपा प्रवक्ता इस एक साजिश के तहत ले रहे हैं। उनका सवाल है कि आखिर इसी बंगले को मीडियाकर्मियों के लिए क्यों खोला गया। वह अब सरकार से सवाल कर रहे हैं कि आखिर पूर्व सीएम को सरकार की तरफ से क्या-क्या चीजें दी गई थीं। उनका इस सवाल की गूंज अब सियासी गलियारों में भी सुनाई दे सकती है। बहरहाल हम आज आपको ये बताएंगे कि इस बंगले में क्या कुछ किया गया। कभी पूरे मन से बनवाए गए इस बंगले में जब राज्य संपत्ति के कर्मचारी पहुंचे तो उन्हें सब कुछ टूटा-फूटा मिला। इसी मुख्य बंगले के फर्स्ट फ्लोर पर अखिलेश यादव परिवार सहित रहते थे।
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश ने मंदिर छोड़, पूरे बंगले को कर दिया तहस-नहस
