राजगढ़, मध्यप्रदेश के राजगढ में स्वच्छता अभियान को लेकर शिक्षा विभाग का फरमान जारी हुआ है। शौचालय का प्रमाण देने के बाद ही शिक्षकों नवंबर माह का वेतन दिया जाएगा। आदेश जारी होने के बाद कई शिक्षक अपने शौचालयों का प्रमाण जुटाने में लगे हैं तो कई शिक्षक संगठन इस आदेश की निंदा कर रहे हैं और जल्द ही इस आदेश के खिलाफ आंदोलन करने की बात कह रहे।
दरअसल, राजगढ़ जिले को 31 दिसंबर तक खुले में शौच मुक्त करने के लिए प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। इसी के तहत जिला पंचायत सीईओ प्रवीण सिंह ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को तलब कर उनके विभाग के कर्मचारियों से शौचालय बनवाने की बात कही थी सीईओ के निर्देश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने विभाग के सभी कर्मचारियों से उनके घर में शौचालय होने और परिवार सहित उनका उपयोग करने का प्रमाण पत्र मंगवाया है। शिक्षक सहित विभाग के सभी कर्मचारियों को यहां प्रमाण पत्र देना होगा यदि शिक्षक के घर में शौचालय नहीं है या उसने इस प्रमाण पत्र जमा नहीं किया तो उसे नवंबर माह का वेतन से वंचित रहना पड़ेगा।सरकार के इस तुगलकी फरमान के बारे में जानकारी देते हुए जिला शिक्षा अधिकारी एस के मिश्रा ने बताया कि इस संदर्भ में सीईओ जिला पंचायत का आदेश आया था और हमने आदेश के तारतम्य में अपने फील्ड ऑफिसर जिसमें डीपीसी , बीआरसी, बीईओ, और संकुल प्राचार्य को आदेश दिया है कि उनके क्षेत्र अंतर्गत आने वाले स्कूलों में जो लोक सेवक हैं शिक्षक हैं उनके घर पर शौचालय होना चाहिए और जिनके घर नहीं है वह बनवा लें।
रुकेगा वेतन
वहीं नवंबर से वेतन रोकने का आदेश दिया गया है ताकि लोग इस योजना के तहत समय सीमा मैं अपना कार्य पूरा कर ले। लोकसेवक शालाओं के संकुल प्राचार्य के पास प्रमाण पत्र इकट्ठा करेंगे संकुल प्राचार्य एक प्रमाण पत्र विकास खंड शिक्षा अधिकारी को देगा विकास खंड शिक्षा अधिकारी एक प्रमाण पत्र हमको देगा। हमारे विकासखंड में सभी शिक्षकों के यहां शौचालय बन गया है और वह उसका उपयोग करता है तभी माह नवंबर का वेतन मिलेगा नहीं तो वेतन रोकने का आदेश दिया गया है उसका पालन किया जाएगा।