पंचकूला, बलात्कारी बाबा गुरमीत राम रहीम की सबसे बड़ी राज़दार हनीप्रीत से पूछताछ में पंचकूला पुलिस के हाथ कई महत्वपूर्ण सुराग लगे हैं। हनीप्रीत के मोबाइल फोन और लैपटॉप से उसकी और कुछ अन्य लोगों की गोपनीय जानकारियां मिली हैं। पुलिस को उम्मीद है कि इन जानकारियों के आधार पर इस मामले में वांछित अनेक लोगों को गिरफ्तार किया जा सकेगा।
पुलिस ने कहा कि 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में हुई हिंसा व दंगों से संबंधित नक्शे व डेरा जिम्मेवारों की ड्यूटी की नियुक्तियां की गईं। पुलिस का कहना है कि इस सबके बारे में केवल हनीप्रीत को पूरी जानकारी थी। पुलिस का दावा है कि हनीप्रीत के अलावा इस बारे में कोई कुछ नहीं जानता। हनीप्रीत ने मोस्ट वांटेड आदित्य, पवन और गोबी राम के ठिकानों का खुलासा किया है। हनीप्रीत की निशानदेही पर मोस्ट वांटेड आदित्य इंसा, पवन इंसा और नवीन नागपाल उर्फ गोबी राम को हिमाचल प्रदेश और गुरुग्राम से जल्दी ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
आरोपी सुखदीप कौर ने हनीप्रीत के इस्तेमाल किये फ़ोन के राज़ खोले हैं। हनीप्रीत ने ही मोबाइल से वीडियो बनाकर वायरल किया था। सुखदीप ने बताया कि हनीप्रीत का ही मोबाइल सुखदीप कौर की निशानदेही व शिनाख्त पर उत्तर प्रदेश के बिजनोर से उसके रिश्तेदार के घर/डेरा से बरामद किया जाना है। सुखदीप ने पुलिस से पूछताछ में बताया है कि दंगे के मोस्ट वांटेड महिंदर को सुखदीप ने ही शरण दी। मध्यप्रदेश के ग्वालियर के पास एक फार्महाउस में उसे छिपा कर रखा गया। पुलिस ने महिंदर को भी जल्दी ही गिरफ्तार करने की बात कही है।
हनीप्रीत, सुखदीप कौर और हनीप्रीत के निजी सचिव राकेश कुमार अरोड़ा पर भी देशद्रोह की धाराएं लगाई गई हैं। पुलिस को अब तक की जांच में यह भी पता चला है कि पहले डेरा समर्थक काफी शांत थे और वे सभी कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे थे। शांत लोगों को भड़काने के लिए ही डेरा प्रमुख के बरी होने की खबर पहले फैलाई गई। एक वीडियो में दिखाया गया कि सब ठीक है। आरोप है कि यह वीडियो हनीप्रीत ने ही बनाया था।
पुलिस का दावा है कि लोगों में जोश भरने के लिए पहले डेरामुखी के बरी होने की झूठी खबर फैलाई गई थी। राकेश ने पुलिस के सामने माना है कि वह डेरा चीफ के काफिले के साथ पंचकूला आया था। यहां वह आदित्य के साथ ही सेक्टर-2/4 के प्वाइंट पर पहुंचा था। उसने पुलिस को बताया कि पंचकूला आने के बाद जब डेरा समर्थकों से मिला तो उनमें उत्साह की कमी दिखी, तो हमने दंगे की साजिश पर काम शुरू किया। आपस में बातचीत के बाद लोगों में जोश भरने के लिए झूठी खबर फैलाई गई थी कि डेरा चीफ को बरी कर दिया गया है। बताया तो यह भी जा रहा है कि डेरा समर्थकों ने कोर्ट के फैसले के लिए मीडिया को जिम्मेदार ठहराया था। यही कारण था कि डेरा समर्थकों ने मीडिया की ओबी वैन से लेकर मीडिया संस्थानों कर्मियों पर ही जानलेवा हमला कर दिया था।
हनीप्रीत से पूछताछ में पुलिस के हाथ लगे कई अहम राज
