पश्चिमी राजस्थान में भारी बारिश लोगों ने छतों और पेड़ों पर चढ़ कर बचाई जान

जोधपुर/जयपुर, पश्चिमी राजस्थान में पिछले 48 घंटो में जल के जलजे से वहां का जनजीवन जोखिम में पड़ा है हालांकि सरकार से लेकर आपदा प्रबंधन में लगी टीमें बचाव कार्य को अंजाम दे रहे है पर जल के ऐसे जलजे ने लोगों का जीवन अस्त-वयस्त तो कर ही दिया है लोग जान बचाने के लिए पेडो छतो पर वर्षा के देव इन्द्रदेव से जान की जनपशुधन बचाने की भय के साए में प्रार्थना में लगे है
जोधपुर संभाग में हालात सबसे ज्यादा खराब है यहां ज्यादातर नदी नाले उफान पर हैं। बीते तीन दिन से हो रही बरसात के कारण लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। भारी बारिश के चलते जालोर जिले के सियाना गावं में बाढ़ के हालात बन गये हैं। लोगों ने मकानों की छतो और पेड़ो के ऊपर शरण ले रखी है हेलीकॉप्टर के जरिए एनडीआरएफ की टीम लोगों को निकाल रही है। जोधपुर के साथ पाली जिले के सांडेराव के ढोला गांव की हालात खराब है। लोगों को निकालने के लिए टीम रेस्क्यृ अभियान मे लगी है। सिरोही जिले में लगातार बारिश से बाढ़ के हालात बन गयें हैं। प्रशासन ने स्कूल कॉलेज बंद करने का आदेश दिया है। अलर्ट जारी किया जा चुका है। इस क्षेत्र के सभी नाले-नदियां उफान पर हैं। गांवों में पानी भर गया है अधिकांश गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। तीन दिन से हो रही भारी बरसात से रणकपुर, नलवाणिया बांध ओवरफ्लो होने के बाद केसूली व घोड़ाधड़ा बांध भी ओवरफ्लो हो गए, जबकि जूणा मालारी व राजपुरा बांध छलकने को आतुर हैं। जिले में तेज बारिश के चलते आल्पा व रोवाडा में नाड़ी का एनीकट टूट गया है। कैलाश नगर के नारादरा का छोटा एनीकट भी टूट गया है। जालोर में भारी बारिश के चलते पांचला बांध भी टूट गया है। जिस कारण जिले के कई गांवों में हालात बिगड़े हुए हैं। सुंधा माता के उपरी बांध टूटने से कई दुकाने जलमग्न हो गई हैं। हालांकि, प्रशासनिक अधिकारी मुस्तैदी से लगे हुए हैं, लेकिन बारिश और मौसम खराब होने के कारण मुश्किलें आ रही हैं। कहा जाता है कि आग, पानी, अंधड़ के प्रकोपीय चक्र को रोक पाने में संसाधन कई दफा थक जाते है पर जोधपुर जालोर, सिरोही, पाली, जिलो में आई बाड में फंसे जनजीवन को सरकार पूरी मुस्तैदी से बचाने में दिन रात एक किए हुए है।

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