सीएम बोले मकान, खाना, कपड़े, मवेशी सब हमारी जिम्मेदारी

ग्वालियर,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज बारिश और बाढ़ से बिगड़े हालात का जायजा लेने गुरुवार को ग्वालियर पहुंचे। इसके बाद शिवपुरी जिले के प्रभावित क्षेत्रों में सड़क मार्ग से पहुंचे। वे बाढग़्रस्त जिलों में बने राहत कैम्प गए और पीडि़तों से मिलेे। सीएम ने ग्वालियर जाने से पहले आपात बैठक बुलाई थी। बैठक में बाढ़ के हालात व राहत कार्यों की समीक्षा की गई। शिवपुरी और श्योपुर के अफसरों ने बताया कि बिजली के ट्रांसफार्मर और खंभे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ऐसे में बिजली का संकट बन गया है। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अन्य जिलों से मैदानी अमले को बाढ़ ग्रस्त इलाकों में भेजा जाए। बैठक में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ग्वालियर चंबल संभाग के बांधों को खोलने से खतरा बढ़ेगा। बांधों के टूटने की अफवाह तेजी से फैल रही है। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि अफवाह फैलाने वालों को चिन्हित कर एफआईआर दर्ज की जाए। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि कोटा बैराज से बुधवार को 2 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसके कारण चंबल संभाग में बाढ़ से हालत खराब हुए। इसकी वजह से मुरैना के 89, भिंड के 25 और श्योपुर के 25 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इसके अलावा सिंध नदी भी उफान पर है।
श्योपुर में नुकसान ज्यादा
शिवराज ने कहा कि श्योपुर की हालत ज्यादा खराब है। बाढ़ का कहर झेल रहे इलाकों में मकानों को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने अधिकारियों को बाढ़ पीडि़तों की भोजन व्यवस्था, बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने और बीमारियों को रोकने के लिए उपयुक्त इंतजाम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन संचार व्यवस्था दुरुस्त करे और टूटे हुए पुलों की जगह वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जाए।
श्योपुर में औसत से 159 प्रतिशत ज्यादा बारिश
प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश श्योपुर जिले में हुई है। यहां पर अब तक औसत बारिश 367 मिमी होनी थी। लेकिन अब तक यहां पर 953 मिमी बारिश हो चुकी है। जो औसत से 159 प्रतिशत ज्यादा है। इसके अलावा शिवपुरी में भी 132 मिमी बारिश गिर चुकी है। यहां पर 410 के मुकाबले 951 मिमी पानी गिर चुका है। जून महीने में सूखा बिता गुना भी अब तरबतर हो गया है। यहां पर अब तक 461 मिमी बारिश होनी थी, लेकिन मेहरबान बादल 979 मिमी तक बरस चुके हैं, जो कि औसत से 112 मिमी ज्यादा है। इसके अलावा सिंगरौली में 79, भिंड 65, अशोकनगर 61 तो राजगढ़ में 55 प्रतिशत ज्यादा पानी गिरा है।
पुल-पुलिया बहने से करीब 400 करोड़ का नुकसान
बाढ़ से 2 दिन में ग्वालियर-चंबल अंचल के 6 बड़े पुल और दो दर्जन से ज्यादा पुलिया बह गई हैं। सबसे ज्यादा तीन पुल दतिया जिले के सेंवढ़ा में बहे हैं। इसके अलावा ग्वालियर-दतिया के बीच फोरलेन पर बने दो हिस्सों में से एक नए पुल में क्रेक आ गया है। शिवपुरी, श्योपुर, भिंड और दतिया में एक-एक पुल बहा है। इसके अलावा ग्वालियर- शिवपुरी और शिवपुरी-श्योपुर मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं। एक पुल की वर्तमान लागत लगभग पचास करोड़ रुपए है। इस तरह करीब ढाई सौ से तीन सौ करोड़ के पुल और करीब सौ करोड़ की पुलिया बह गई हैं।
कमलनाथ 7 को बाढग़्रस्त क्षेत्रों का हवाई दौरा करेंगे
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ 7 अगस्त को ग्वालियर चंबल संभाग में बाढग़्रस्त क्षेत्रों का हवाई दौरा करेंगे। कांग्रेस के मीडिया समन्ययक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि कमलनाथ शनिवार को ग्वालियर से दतिया, शिवपरी और श्योपुर का हवाई दौरा करेंगे।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में सीएम की घोषणा
मकान, खाना, कपड़े, मवेशी सब हमारी जिम्मेदारी
ग्वालियर के भितरवार में बाढ़ में सब कुछ खो चुके लोगों से गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मुलाकात की है। उनको विश्वास दिलाया है कि हम बच गए यह बड़ी बात है। कपड़े, खाना, मकान, मवेशी वापस दिलाने की जिम्मेदारी हमारी है। यहां चांदपुर गांव में तो सीएम ने ट्रैक्टर पर खड़े होकर लोगों से बात की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कठिन समय आया है। मानता हूं आप लोगों ने बहुत कुछ खोया है, लेकिन जब तक मैं और हमारी सरकार है आंख में आंसू मत आने देना। मेरा वादा है इस मुसीबत के पार ले जाएंगे। यहां सीएम ने यह भी घोषणा की है कि जिनके घर बह गए हैं उनको घर, मवेशी बह गए हैं उनका हर्जाना और फसल के नुकसान का आंकलन कराया जा रहा है। उसका भी पूरा हर्जाना दूंगा। पर अपने भाइयों की आंखों में आंसू नहीं देख सकता।
हर नुकसान पर मिलेगा हर्जाना
बाढग़्रस्त इलाके में लोगों से बात करते हुए सीएम ने हर नुकसान पर हर्जाने की बात कही है। कुछ बड़े नुकसान के लिए यह घोषणा की है। जिनके मकान बहे हैं उनको उसके आंकलन के बाद हर्जाना मिलेगा। प्रधानमंत्री आवास योजना की तर्ज पर घर बनवाए जाएंगे। फसल के नुकसान के लिए कलेक्टर आंकलन करवाएंगे। जिसका जितना नुकसान उतना हर्जाना दिया जाएगा। हर परिवार को तत्काल आधा-आधा क्विंटल राशन जिससे तत्काल खाने का संकट पैदा न हो। कपड़े, बर्तन के लिए भी हर्जाना दिया जाएगा। कुआं, नलकूप के लिए 25 हजार रुपए दिए जाएंगे। बड़े मवेशी जैसे भैंस, बेल, गाय का नुकसान हुआ है तो प्रत्येक के लिए 30-30 हजार रुपए हर्जाना दिया जाएगा। छोटे मवेशी जैसे बछड़े, बकरी का नुकसान हुआ है तो प्रत्येक के 10-10 हजार रुपए और मुर्गा या अन्य छोटे जीव भी नष्ट हुए हैं तो 60-60 रुपए प्रत्येक के लिए हर्जाना दिया जाएगा।

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