खरगोन, प्रदेश में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामलों के बाद कालाबाजारी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है इससे पूर्व में भी खरगोन में रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के मामले में खरगोन पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था । उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण बीमारी में रेमडेसिविर इंजेक्शन की बढ़ती हुई मांग को लेकर प्रदेश सहित अन्य स्थानों इस रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में डॉक्टर,दवाई दुकान,एमआर सहित कई लोग इस गोरखधंधे मेंं शामिल रहे हैं ज्यादातर जंभेश्वर के इस इंजेक्शन की कालाबाजारी में पकड़ाए गए आरोपी इस इंजेक्शन को खरीद कर अधिक दाम में बेच देते थे आज पुलिस द्वारा पकड़े गए इन आरोपियों ने भी 25 हजार में यह इंजेक्शन खरीदकर 30 हजार रुपए में जरुरतमंदों को बेच रहे थे। इंजेक्शनों की कालाबाजारी इंदौर के अस्पतालों में पदस्थ दो ओटी टेक्नीशीयन करा रहे थे।
मामले का खुलासा करते हुए एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने पुलिस कंट्रोल रुम में प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि बलवाडा पुलिस ने कसरावद फाटा पुलिया के पास 3 संदिग्धों को हिरासत में लिया। पकड़े गए युवकों ने अपना नाम सचिव दिनेश सितोले निवासी विवेकानंद कॉलोनी ठीकरी, अभिषेक महेश कनासे निवासी रेल्वा थाना जुलवानिया और हर्ष मोहन महाजन निवासी बैंक ऑफ बडौदा के पास मेन रोड ठीकरी का होना बताया। तलाशी के दौरान सचिन के पास 3, अभिषेक के पास 2 और हर्ष के पास से भी 2 रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद हुए। पूछताछ में इन्होने बताया कि वह इन इंजेक्शनों का सौंदा करने के लिए आए थे लेकिन उसके पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
निजी अस्पताल के ओटी टेक्नीशियन कराते थे कालाबाजारी
पकड़े गए युवकों ने यह इंजेक्शन दिलीप पिता लालचंद पाटीदार निवासी नानुखेड़ा थाना हाट पिपल्या जिला देवास हाल मुकाम साजन नगर नवलखा रोड़ इंदौर निवासी से खरीदना बताया। दिलीप शुक्ला हॉस्पिटल इंदौर में बतौर ओटी टेक्निशियन का काम करता है, वहीं रोहित मोहनलाल पाटीदार ग्राम झापडी थाना मंडलेश्वर, हाल मुकाम ब्रज नयनी सेक्टर सी नियर पटेल कोचिंग लिम्बेडी खंडवा रोड़ इंदौर भी इन्हें इंजेक्शन उपलब्ध कराता था। रोहित भी सीएचएल इंदौर में बतौर ओटी टेक्निशियन पदस्थ है।