भोपाल, राज्य विधानसभा में आज प्रदेश में अवैध उत्खनन को लेकर विपक्षी सदस्यों ने सरकार का जबरदस्त घेराव किया। प्रश्नोत्तरकाल के दौरान विपक्ष ने राज्य सरकार पर अवैध खनन माफिया को संरक्षण् देने का आरोप लगाते हुए सदन से वाकआउट कर दिया। इससे पहले प्रश्नकर्ता सदस्य आरिफ अकील ने ग्वालियर-चंबल संभाग व अन्य संभागों में अवैध रेत उत्खनन का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सब प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा है। उत्तर में खनिज साधन मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सभी संभागों में निविदा के माध्यम से खदान संचालन की अनुमति प्रदाय की गई है। प्रदेश में कई भी रेत माफिया जैसी स्थिति नहीं है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर द्वारा वन विभाग से जेबीसी मशीन छुड़वाने का मामला भी कांग्रेस ने सदन में उठाया हालांकि इसका जवाब खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह नहीं दे सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक आरिफ अकील ने जो सवाल पूछा था उसमें इंदौर का जिक्र नहीं था बल्कि चंबल ग्वालियर को लेकर सवाल किए गए थे। जवाब से असंतुष्ठ विधायक अकील ने प्रश्न किया कि भिंड और उसके आसपास के जिलों में कितनी पनडुब्बी जब्त की गई और कितने के खिलाफ एफआईआर कराई गई। उत्तर में खनिज साधन मंत्री ने बताया कि दोनों संभागों में करीब 382 एफआईआर दर्ज कराई गई और 56 मामलों में चालान कोर्ट प्रस्तुत किए गए। पूरक प्रश्न करते हुए कांग्रेस विधायक डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि सीएम के निदेंश है कि पोकलेन एवं पनडुब्बी से रेत का खनन नहीं किया जाएगा। क्या ऐसे मामलों में मालिकों पर पनडुब्बी जब्त कर चोरी का अपराध कायम किया गया।उत्तर में मंत्री ने कहा कि ऐसे 40 प्रकरणों में पनडुब्बी जब्त कर राशि की वसूली भी की गई है। इसी मामले में विधायक संजीव सिंह संजू आरोप लगाया कि पनडुब्बी जब्त कर चालकों पर कार्रवाई की गई, पनडुब्बी के मालिकों पर एफआईआर नहीं कराई गई। उन्होंने राज्य सरकार पर अवैध खनन माफिया को संरक्षण देने के आरोप लगाए। इसी बीच सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया। हंगामें के बीच विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया।
मप्र विधानसभा में अवैध उत्खनन पर तकरार के बाद विपक्ष का वाकआउट
