हाथरस गैंगरेप केस में पुलिस ने परिजनों को दूर रख करा दिया पीड़िता का अंतिम संस्कार

हाथरस, हाथरस सामूहिक दुष्कर्म कांड के बाद दलित परिवार का आरोप है कि उनकी 19 साल की बेटी के साथ गांव के ही 4 लोगों ने गैंगरेप किया। उनका कहना है कि मंगलवार सुबह पीड़िता ने दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। तब यहाँ देर रात लड़की का शव उसके गांव पहुंचा। परिवारवालों ने पुलिस पर जबरन अंतिम संस्कार कराने का आरोप लगाया है। परिवार का कहना है कि पुलिस ने शव को एक बार घर ले जाने की इजाजत तक नहीं दी। जल्दी-जल्दी में अंतिम संस्कार करा दिया गया। ट्विटर पर पीड़िता के अंतिम संस्कार के कई वीडियो शेयर किए गए हैं, जिसमें लोग पुलिस के इस रवैये पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर शेयर किए गए इनमें से एक वीडियो में पुलिस अफसर पीड़ित परिवार को नसीहत भी दे रहा है कि लाश को इतनी देर तक रखना ठीक नहीं। सब कुछ रीति-रिवाज के मुताबिक हो जाना चाहिए। एक वीडियो में लड़की की मां पुलिस अफसर से गुहार लगाती है, ‘मेरी बच्ची को एक बार घर ले जाने दीजिए। सिर्फ एक बार। अंतिम संस्कार की इतनी जल्दी क्या है? इतनी रात गए… जल्दी जल्दी में क्यों करा रहे हैं?’ जबाव में पुलिस अफसर कहते हैं, ‘मैं राजस्थान से हूं। मेरे कल्चर में लाश को ज्यादा देर तक नहीं रखा जाता। बाकी सब आप देख लीजिए।’
एक अन्य वीडियो में लड़की की मां दोबारा पुलिस से गुहार लगाती हैं। तब पुलिसवाला कहता है, ‘रीति-रिवाज समय के साथ बदलते हैं। आप लोग मानिए कि आप लोगों से भी गलती हुई है।’ एक और वीडियो फुटेज में लड़की की मां ने कहा, ‘हम अपनी बच्ची की विदाई करना चाहते हैं। हल्दी लगानी होती है। तभी आखिरी विदाई होती है। आप हमें बेटी को एक बार घर क्यों नहीं ले जाने दे रहे हैं? आप जबदस्ती क्यों कर रहे हैं?’ करीब 200 की संख्या में पुलिसवाले घरवालों की मांग ठुकराते हुए लाश को रात 2 बजकर 20 मिनट पर अंतिम संस्कार के लिए ले गए। पुलिसवालों ने अंतिम संस्कार के वक्त घेरा बना लिया। किसी को चिता के पास जाने तक नहीं दिया। इन वीडियो पर यूजर्स के रिएक्शन भी आ रहे हैं। एक यूजर्स लिखते हैं, ‘मेरे पास शब्द नहीं हैं। सिर्फ विजुअल्स देखिए। मैं बहुत हेल्पलेस महसूस कर रहा हूं। बहुत दुखी भी।’

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