मप्र में नदी-नाले उफान पर कई गाँव बाढ़ में घिरे, बांधों के गेट खुले,नर्मदा घाटी में अलर्ट

भोपाल/जबलपुर, मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश के बाद नदी नाले उफान पर हैं। कई नदियों में जलस्तर बढऩे के कारण बांधों के गेट खोले जा रहे हैं। इस कारण प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ के हालात हैं। आलम यह है कि एक जिला दूसरे जिले से कट गया है। वही कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। खंडवा जिले में नर्मदा घाटी के ऊपरी क्षेत्रों में हुई बारिश और बांध के कैचमेंट एरिया से आने वाले पानी से बांधों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। इसे देखते हुए इंदिरा सागर और ओमकारेश्वर बांध से पानी छोडऩे के लिए गेट की संख्या बढ़ा दी गई है। शुक्रवार सुबह इंदिरा सागर बांध के 12 गेट खोल दिए गए हैं। गेट की संख्या दोगुना होने से नर्मदा में उफान आ गया है। वही ओंकारेश्वर बांध के 15 गेट खोले गए हैं। इससे ओंकारेश्वर में नर्मदा के सभी घाट जलमग्न हो गए हैं। वहीं मोरटक्का में भी नर्मदा का जलस्तर बढ़ गया है।
कुछ दिनों से जारी भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। वहीं प्रदेश की सबसे बड़ी नदी नर्मदा धीरे-धीरे खतरे के निशान की तरफ बढ़ रही है। जबलपुर के बरगी बांध, तवा बांध, ओंकारेश्वर डैम से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। आलम यह है कि मध्यप्रदेश से लेकर गुजरात के सरदार सरोवर डैम तक पानी ही पानी हो गया है।
बरगी और तवा से पानी छोड़ा
होशंगाबाद जिले की तवा नदी पर बना डैम भी लबालब हो गया है। उसका पानी दूसरी बार छोड़ा गया है। तवा का पानी छोड़े जाने से नर्मदा का जल स्तर अचानक बढऩे लगता है, क्योंकि तवा नदी होशंगाबाद शहर के पास ही स्थित बांद्राभान में मिलती है। इसी संगम पर पानी ही पानी नजर आ रहा है। इसके अलावा बरगी डैम का पानी छोड़ा जा रहा है, इसके 10 घंटे बाद होशंगाबाद में नर्मदा का जल स्तर बढ़ जाता है। जानकारों का कहना है कि जब बरगी और तवा डैम के गेट खोले जाते हैं तो होशंगाबाद में 10 घंटे के बाद जल स्तर बढ़ जाता है। प्रशासन ने निचले इलाकों को अलर्ट कर दिया है। माना जा रहा है कि आने वाले दो तीन दिनों तक नर्मदा का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है।
रायसेन जिले के बारना डैम से पानी छोड़ा
इधर, शुक्रवार सुबह रायसेन जिले के बारना डैम से भी पानी छोड़ दिया गया है। यहां भी लगातार बारिश होने के कारण डैम फुल हो गया था। बारना डैम का पानी भी नर्मदा नदी में मिलता है। ऐसी स्थिति में जबलपुर के बरगी डैम, रायसेन जिले के बारना डैम और होशंगाबाद जिले के तवा डैम के गेट खोलने पर होशंगाबाद से गुजरने वाली नर्मदा नदी में बाढ़ आ जाती है। जानकारों का मुताबिक शनिवार और रविवार को यहां बाढ़ का नजारा देखने को मिल सकता है।
ओंकारेश्वर बांध से भी पानी छोड़ा
खंडवा जिले का ओंकारेश्वर बांध भी लबालब हो जाने के कारण लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। बांध से 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं बड़वानी में भी नदी का जल स्तर बढ़ गया है। निचली बस्तियों में पानी भर गया है।
बड़वानी में बाढ़ का नजारा
नर्मदा का जल स्तर बढऩे से कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। तस्वीर बड़वानी जिले के राजघाट पहुंच मार्ग की है। घाट पर स्थित मंदिर के मुख्य द्वार पर बैक वाटर पहुंच गया है। किसानों के खेत डूब गए हैं। चार दिन मे राजघाट पर नर्मदा के जल स्तर में करीब 6 मीटर की बढ़ोतरी हुई है। सरदार सरोवर बाध के गेट बंद होने और ऊपरी बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण यह स्थिति बनी है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
मध्यप्रदेश में बारिश का दौर जारी
मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों से बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने भारी बारिश की फिर से चेतावनी जारी की है। जबकि कुछ जिलों में भारी से अति भारी बारिश का भी अलर्ट जारी किया गया है। कई जिलों में नदियां उफान पर आ गई है।
मंडला-सिवनी मार्ग बंद
लगातार बारिश के कारण मंडला जिले की थावर नदी का जलस्तर बढ़ गया है। नैनपुर के पास मंडला सिवनी मार्ग में बने पुल के ऊपर से थावर नदी का पानी बह रहा है। जिसके चलते मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है और दोनों और वाहनों की कतार लगी हुई है।
लबालब हुआ सरदार सरोवर
नर्मदा के पानी से गुजरात का सबसे बड़ा सरदार सरोवर डैम भी छलकने को तैयार है। गुजरात के केवडिया स्थित यह बांध अपने उच्चतम लेवल 138.06 पर पहुंचने ही वाला है। सूत्रों के मुताबिक यदि पानी की आवक इसी तरह जारी रही तो एक-दो दिनों में सरोवर के गेट खोलने पड़ेंगे। इसे लेकर नर्मदा घाटी के गांवों को अलर्ट कर दिया गया है। इसके साथ ही एक माह 1200 मेगावॉट बिजली क्षमता वाला रिवर बेड पॉवर हाउस की एक यूनिट भी शुरू हो गई है।
नर्मदा की सहायक नदियों में उफान
नरसिंहपुर जिले में गुरुवार की रात से तेज बारिश का दौर जारी है जिससे नर्मदा, शेढ़, शक्कर, सीतारेवा, बरांझ सहित अन्य नदियां उफनानें लगी है। शेढ़ नदी की बाढ़ से बरहटा-मुंगवानी मार्ग रपटा पुल डूबने से बंद है, इसी तरह धमना-सांकल मार्ग भी शेढ़ नदी का पानी रपटा पुल से ऊपर बहने के कारण बाधित है। वहीं बरांझ की बाढ़ से तेंदूखेड़ा-डोभी मार्ग बंद है। इन सभी रपटा पुलों के ऊपर से 4 से 7 फिट पानी बह रहा है। नरसिंहपुर, गाडरवारा, तेंदूखेड़ा क्षेत्र में निचले स्थानों पर बने मकानों के आसपास पानी का भराव हो रहा है। जिससे प्रशासन द्वारा नर्मदा से लगे गांवों में लोगों को अलर्ट किया जा रहा है कि वह घाट से दूरी बनाकर रखें और सुरक्षित रहें।

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