यूपी में अब निमोनिया के मरीज की होगी कोविड-19 जांच

लखनऊ, कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच मे इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च ने अपनी गाइडलाइन में बड़ा बदलाव किया है। आईसीएमआर की नई गाइडलाइन में बताया गया कि जिस किसी को भी निमोनिया हो उसकी कोरोनावायरस की जरूर जांच करा ली जाए। क्‍योंकि कोरोना का बढ़ता प्रकोप निमोनिया से होकर ही गुजरता है। खासतौर से कम उम्र के बच्चों में अगर निमोनिया हो जाए तो उनको कोरोना की जांच जरूर कराना चाहिए। साथ ही बुजुर्गों में भी निमोनिया होने के चांसेस सबसे ज्यादा होते हैं। चिकित्सक और वैज्ञानिक ने बताया कि कोरोनावायरस के जो लक्षण निमोनिया से काफी मिलता जुलता है। कई बार जिस बीमारी को निमोनिया समझ रहे हैं, वह कुछ दिनों के बाद आगे बढ़कर कोरोनावायरस साबित हो सकता है.
लखनऊ में स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रेस्पिरेट्री मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ सूर्यकांत का ने कहा कि “अगर किसी बच्चे या बुजुर्ग में निमोनिया की शिकायत है तो सबसे पहले वह सतर्क हो जाएं. क्योंकि निमोनिया या सीनियर लंग इन्फेक्शन कई बार कोरोनावायरस के प्रकोप की वजह से हो सकता है।” उन्‍होंने कहा कि “कोरोना के शुरुआती लक्षण हालांकि सर्दी, जुकाम या गले में खराश या पूरे बदन में दर्द हो सकता है, लेकिन आगे चलकर यही बीमारी फेफड़ों पर अटैक करती है. कोरोनावायरस सबसे ज्यादा फेफड़ों को ही डैमेज करता है। शायद इसीलिए लोगों को कोरोनावायरस की वजह से सांस लेने में काफी दिक्कत होने लगती है।”

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