नई दिल्ली, भारतीय रिजर्व बैंक ने निजी क्षेत्र के यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग करते हुए प्रशासक नियुक्त कर दिया है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने अगले आदेश तक बैंक के ग्राहकों के लिए निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय कर दी है।
अब इस बैंक के ग्राहक अगले एक महीने में 50 हजार रुपये से ज्यादा अपने खाते से नहीं निकाल पाएंगे। यह आदेश 5 मार्च 2020 को शाम 6 बजे से प्रभावी हो गया है और फिलहाल के लिए 3 अप्रैल 2020 तक प्रभावी रहेगा। बैंक का नियंत्रण भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में वित्तीय संस्थानों के एक समूह के हाथ में देने की तैयारी की गई है।
आरबीआई ने देर शाम जारी बयान में कहा कि यस बैंक के निदेशक मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है।
इससे करीब छह माह पहले रिजर्व बैंक ने बड़ा घोटाला सामने आने के बाद पीएमसी बैंक के मामले में भी इसी तरह का कदम उठाया गया था। आपको बता दें कि यस बैंक काफी समय से डूबे कर्ज की समस्या से जूझ रहा है। इससे पहले दिन में सरकार ने एसबीआई और अन्य वित्तीय संस्थानों को यस बैंक को उबारने की अनुमति दी थी।
इस बीच खबर है कि सार्वजनिक क्षेत्र का भारतीय स्टेट बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक को संकट से उबारेंगे। सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने एसबीआई की अगुआई वाले बैंकों के समूह को यस बैंक के अधिग्रहण की मंजूरी दे दी है। दिनभर यस बैंक को लेकर गतिविधियां चलती रहीं।
इस दौरान एसबीआई के निदेशक मंडल की बैठक भी हुई। ऐसी भी चर्चाएं है कि एलआईसी से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के साथ मिलकर हिस्सेदारी खरीदने की योजना पर काम करने को कहा गया है। कुल मिलाकर दोनों की यस बैंक में हिस्सेदारी 49 प्रतिशत रह सकती है। यस बैंक में एलआईसी पहले ही आठ प्रतिशत की हिस्सेदार है।
RBI ने यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग किया, निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय
