लखनऊ,उत्तर प्रदेश के 5 बड़े तीर्थ स्थल और मंदिरों के पंडों को हटाकर उनके स्थान पर बोर्ड बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। श्राइन बोर्ड और वैष्णो देवी की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के मथुरा, काशी, प्रयाग, अयोध्या तथा विंध्यवासिनी धाम में बोर्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद उपरोक्त पांचो धार्मिक स्थलों के लिए बोर्ड का गठन करेगा। जिससे पंडों का वर्चस्व खत्म हो जाएगा। इन तीर्थ क्षेत्रों में ट्रस्ट के दायरे में पंडो और पुरोहितों का पंजीकरण किया जाएगा। धार्मिक गतिविधियों को संचालित कराएंगे। प्रयागराज के संगम क्षेत्र के विकास के लिए प्रयागराज ट्रस्ट बनाया जा रहा है। इस ट्रस्ट का अध्यक्ष सेना का अधिकारी होगा यहां के पंडित और पुरोहितों का पंजीकरण ट्रस्ट करेगा। सारे क्षेत्र की देखरेख बोर्ड के हाथों में रहेगी। तिरुपति बालाजी वैष्णो देवी तथा श्राइन बोर्ड जैसे धार्मिक स्थलों का संचालन बड़े बेहतर तरीके से करते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार उसी तर्ज पर इन पांचों स्थलों पर बोर्ड बनाने की तैयारी में जुट गई है। जिसके कारण इन तीर्थ स्थलों के पंडों को नियंत्रित किया जा सकेगा और तीर्थ क्षेत्रों को बेहतर ढंग से विकसित किया जा सकेगा।
उत्तर भारत के पांच बड़े मंदिरों में पंडो का स्थान लेगा बोर्ड
