जबलपुर,कान्हा टाइगर रिजर्व के मुक्की वन परिक्षेत्र में घायल हुए बाघ शावक को गुरुवार को इलाज के लिए जबलपुर स्थित वेटनरी कॉलेज लाया गया। जहां डॉक्टरों ने शावक का सफल ऑपरेशन किया। शावक को अब खतरे से बाहर बताया जा रहा है। तीन घंटे तक चली सर्जरी के बाद शावक के स्वस्थ्य होने पर डॉक्टरों ने खुशी जताई है।
गौरतबल है कि २६ अक्टूबर को कान्हा टाइगर रिजर्व अंतर्गत मुक्की परिक्षेत्र के घोरिल्ला बीट में एक मादा बाघा शावक अपनी मां के साथ खेल रही थी। इसी दौरान शावक खेलते-खेलते पेड़ के तने में फंसकर घायल हो गया। जैसे ही गश्ती दल को इसकी जानकारी लगी उन्होंने पूरी पार्क प्रबंधन को इसकी सूचना दी। जिसके बाद बाघ शावक को रेस्क्यू करके मुक्की स्थित स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे जबलपुर वेटनरी कॉलेज भेजा गया। जहां उसका सफल ऑपरेशन हुआ। बाघ शावक की उम्र 5 से 6 माह बताई जा रही है। वह ऑपरेशन के बाद पूर्ण रूप से स्वस्थ्य है।
ऐसे हुआ ऑपरेशन
वीयू कुलपति डॉ पीडी जुयाल व वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ संदीप अग्रवाल, डॉ वीपी चंद्रपुरिया के निर्देशन में शावक का उपचार शुरू किया गया। उनके परामर्श के आधार पर शावक को शल्यक्रिया के लिए वेटनरी विवि के स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फारेंसिक एण्ड हैल्थ सेंटर में रखा गया। जहां डॉ एमके भार्गव वेटनरी कॉलेज के सर्जन एवं पूर्व विभागाध्यक्ष एवं डॉ मधु स्वामी संचालक स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फारेंसिक एण्ड हेल्थ जबलपुर के नेतृत्व में सर्जरी टीम तैयार की गई। डॉ अपरा साही, डॉ बबीता दास, डॉ रणधीर चौहान, डॉ संदीप अग्रवाल, डॉ सोमेश सिंह, डॉ काजल जादव, डॉ केपी सिंह, डॉ अमोल रोकड़े, डॉ रंजीत हरने, डॉ माधवी धैर्यकर, डॉ हर्ष विंदर सिंह एवं डॉ प्रवेश सर्जरी टीम में शामिल रहे।
कान्हा टाइगर रिजर्व में पेड़ के तने में फंसकर घायल हुए बाघ शावक की वेटनरी कॉलेज में सर्जरी