कांग्रेस सरकार ने किये प्रगति और खुशहाली के काम- शोभा ओझा

भोपाल, प्रदेश कांग्रेस में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने कहा कि जैसा कि आप सब जानते हैं, देश इस समय भयानक मंदी के दौर से गुजर रहा है, पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं, रुपये की कीमत रसातल में पहुंच चुकी है, जीडीपी धराशायी हो चुकी है, मैन्युफैक्चरिंग, बैंकिंग, रियल स्टेट, ऑटोमोबिल सेक्टर पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है, सार्वजनिक सेक्टर खस्ताहाल है और बढ़ती बेरोजगारी से देश में कोहराम मचा हुआ है, केंद्र सरकार की इन घोर विफलताओं के बावजूद ‘‘बंसी बजा रहे नीरो’’ के अक्षम नेतृत्व के कारण, देश की अर्थव्यवस्था के हालात, इतनी बुरी स्थिति में पहुंच गए हैं। इस मौके पर मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा प्रवक्ता जेपी धनोपिया और संतोष सिंह गौतम भी मौजूद रहे।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार ने, पिछले 8 महीनों में ऐसे ठोस, दूरदर्शी, ऐतिहासिक और लोक कल्याणकारी फैसले लिये हैं, जिनसे प्रदेश मंदी की मार से अछूता रह कर, प्रगति के पथ पर तेजी से अग्रसर हो चला है, बावजूद इसके कि जब उसे प्रदेश की जनता की सेवा का अवसर मिला, तब खजाना खाली था। इस खाली खजाने के बाद भी, मुख्यमंत्री श्री नाथ ने मजबूत इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए, अपने शपथ-ग्रहण के दो घंटे के भीतर ही, किसानों की कर्ज माफी की फाइल पर दस्तखत कर, कांग्रेस पार्टी द्वारा दिए गए वचन को पूरा कर दिया। इसके अलावा, पिछड़े वर्ग के आरक्षण को बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने के साथ ही, सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान, कन्या विवाह की राशि को 28 हजार से बढ़ा कर 51 हजार रुपये करना, राइट टू हेल्थ, राइट टू वाटर जैसे बुनियादी और ठोस कदम उठाकर, जनता को लाभान्वित करने की सोच के साथ ही, नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के 36 जिलों की चालीस नदियों का चयन कर, 21 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सघन रूप से जल संरक्षण एवं संवर्धन का काम प्रारंभ किया गया है। ग्रामीण बसाहटों में 3 हजार से भी अधिक नए हैंडपंप लगा कर, पेयजल की व्यवस्था को सुदृढ़ करने का प्रयास किया गया है।
कमलनाथ सरकार ने जहां पुलिसकर्मियों को सप्ताह में एक दिन अनिवार्य अवकाश देने का ऐतिहासिक फैसला लिया है, वहीं उसने शिक्षकों को उनकी पसंद की वरीयता अनुसार स्थानांतरित करने के निर्णय से, प्रदेश के हजारों शिक्षकों के जीवन में खुशहाली का संचार किया है। अब तक कुपोषण से जूझते आ रहे मध्यप्रदेश में, सरकार ने कई ऐसे कदम उठाये हैं, जिनसे कुपोषण और शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके, अपने इसी प्रयास के अंतर्गत सरकार ‘मदर मिल्क बैंक’ शुरू करने जा रही है, ऐसे नवजात, जो चिकित्सकीय कारण से मां का दूध नहीं पी पाते, उन बच्चों को मिल्क बैंक का मिल्क दिया जा सकेगा। इससे प्री-मैच्योर बच्चों को डायरिया और बुखार से बचाने के साथ ही, शिशु मृत्यु दर में 22 प्रतिशत की कमी लाई जा सकेगी। जनता के जीवन व स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे मिलावटखोरों के खिलाफ, कमलनाथ सरकार जिस तरह से कहर बन कर टूट पड़ी है, वह प्रदेश के नागरिकों के प्रति उसकी चिंता और संवेदनशीलता का जीवंत प्रमाण है।

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