एमपी में किसानों के लिए खुला खजाना,13 हजार करोड़ से अधिक का बजट दिया

भोपाल, कृषि बजट मे 66 प्रतिशत रिकॉर्ड वृद्धि करने वाले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने किसानों को एक और तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद वित्त विभाग ने वर्ष 2019-20 के लिए पिछले साल की अपेक्षा 13 हजार करोड़ का अधिक बजट प्रावधान किया है। सरकार ने पिछले बजट की अपेक्षा 13457 करोड़ का अधिक बजट प्रावधान किया है। श्रमिकों के नाम पर भी खजाने का मुंह खोला है। मुख्यमंत्री जन कल्याण नया सबेरा योजना में 600 करोड़ से अधिक का प्रावधान हुआ है।
सरकार ने इस ग्रामीण विकास की जगह पंचायतों को मजबूत करने का प्लान बनाया है और इसलिए इस विभाग को 1914 करोड़ की अधिक राशि मिलेगी। स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के लिये पिछले वर्ष की अपेक्षा 2775 करोड़ का इजाफा हुआ है। लोक निर्माण विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग का भी बजट बढ़ाया है। सरकार ने योजना, आर्थिक और सांख्यिकी विभाग को बंद करने की तैयारी के साथ ही विभाग पर 226 करोड़ की कटौती की गई है। वहीं, योजना, आर्थिक एवं साख्यिकी विभाग को पिछले साल 817 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था, लेकिन इस बजट में 226 करोड़ की कटौती की है। अब सिर्फ 590 करोड़ का प्रावधान किया है। उद्यानिकी विभाग को 41 करोड़ कम मिलेंगे।
इन विभागों पर कटौती
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने बिजली बजट पर प्रहार किया है। पिछले वर्ष ऊर्जा विभाग को 17779 करोड़ दिये गए थे, जबकि पर इस बार 9888 करोड़ मिलेंगे। घुमक्कड़ अर्ध घुमक्कड़ के नाम पर 8 करोड़ की कटौती हुई है। चिकित्सा शिक्षा, कुटीर एवं लघु उद्योग, संस्कृति, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ती, खेल एवं युवक कल्याण और पर्यटन के नाम पर सरकार ने बजट कम कर दिया है।
कैबिनेट में हो सकता है निर्णय
राजस्व बढ़ाने के लिए कमल नाथ ने बनाया प्लान
प्रदेश के विकास को बढ़ावा देने के लिए कमल नाथ ने नया प्लान बनाया है। इसके तहत राजस्व बढ़ोतरी के लिए विभागों पर नजर है। सरकार आज या कल होने वाली कैबिनेट बैठक में बॉर खोलने के लिए अब नई पॉलिसी लेकर आ सकती है जिससे राजस्व में बढ़ोत्तरी की जा सके। कैबिनेट में बॉर और अहातों को खोलने के लिए प्रस्ताव लाया जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि हर बॉर के अंदर अहाता खोलने की अनुमति देने का प्रस्ताव कैबिनेट में पेश किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो प्रदेश के बॉर और शराब की दुकानों में अहाता खोलने का रास्ता साफ हो जाएगा। इसके बाद शराब की दुकान के संचालकों को पांच फीसदी अतिरिक्त फीस देना होगी अगर वह अपनी दुकान में ही अहाता खोलते हैं। वर्तमान में दो तरह की आबकारी पॉलिसी लागू हैं। जिन शराब की दुकानों में अहाता है वह आन शाप और जिनमें अहाता नहीं है वह आफ शाप कहलाती हैं। आबकारी पॉलिसी को अगर संशोधित किया जाता है तो फिर सभी दुकानें आन शाप कहलाएंगी। इसके लिए दुकानदारों को आबकारी विभाग में अतिरिक्त फीस अदा करना होगी।

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