भोपाल, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्वियज सिंह एवं पूर्व तकनीकी शिक्षा मंत्री राजा पटेरियों को राजधानी की एक विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेश सिंह ने एक पुराने मामले में लगाए आरोपों से उन्मोचित कर दिया है। दरअसल आरकेडीएफ कॉलेज में वर्ष 2000-02 के दौरान छात्रों का नियम विरूद्ध तरीके से प्रवेश देने और कॉलेज पर अधिरोपित समझौता शुल्क को कम करने को लेकर दर्ज भ्रष्टाचार, दस्तावेजों में कूटरचना के मामले में विशेष अदालत ने दोनों पूर्व मंत्रियों को आरोपों से उन्मोचित कर दिया है। ईओडब्ल्यू ने 11 जून 2019 को अदालत में क्लोजर रिपोर्ट पेश करते हुए बताया था कि इस मामले में दिग्विजय सिंह एवं राजा पटेरिया के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले है। इसलिए ईओडब्ल्यू ने क्लोजर रिपोर्ट मंजूर करने की मांग की थी। शिकायतकर्ता के अनुसार, वर्ष 2000-2002 के दौरान कॉलेज में अनाधिकृत रूप से छात्रों को प्रवेश दिया गया था। छात्रों के प्रवेश को नियमित करने के लिए तकनीकि शिक्षा विभाग से फर्जी पत्र राजीव गांधी विवि से भिजवाया गया था। राज्य शासन ने कॉलेज पर 24 लाख की पेनल्टी लगाई थी। आरकेडीएफ कॉलेज में हुए भ्रष्टाचार के मामले में ईओडब्ल्यू में फरियादी राधाबल्लभ शारदा ने शिकायत की थी। ईओडब्ल्यू ने इसी शिकायत पर 14 जुलाई 2015 को दिग्विजय सिंह और पटेरिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
आरकेडीएफ में नियम विरूद्ध प्रवेश के मामले में दिग्विजय सिंह एवं राजा पटेरिया दोषमुक्त
