कांग्रेस मुस्लिम बहनों को अन्याय से मुक्ति दिला देती, तो उसे ये दिन नहीं देखना पड़ते-लुनावत

भोपाल, प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष विजेश लुनावत ने आज कहा कि तीन तलाक का मामला आज का मामला नहीं है, यह 1986 से चल रहा है। शाहबानो से सायरा बानो तक इस मामले ने कई पड़ाव देखे हैं। 1986 में शाहबानो प्रकरण उठा था। कांग्रेस के पास 4 सौ से ज्यादा सांसद थे, पूर्ण बहुमत की सरकार थी। अगर कांग्रेस उसी समय मुस्लिम बहनों को इस अन्याय से मुक्ति दिला देती, तो उसे आज ये दिन नहीं देखना पड़ते। लेकिन कांग्रेस नहीं संभली और अपने वोट बैंक को खुश करने के चक्कर में उसने मुस्लिम बहनों पर यह जुल्म होने दिया। इसीलिए 1986 के बाद फिर कभी कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लुनावत ने बुधवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में मीडिया से चर्चा करते हुए कही।
यह नारी सम्मान और समानता का सवाल था – प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि मंगलवार का दिन एक स्वर्णिम दिन था। संसद ने तीन तलाक बिल पारित कर दिया, जिसने देश की मुस्लिम बहनों को 1400 साल पुरानी एक कुप्रथा से मुक्ति दिलाई। तीन तलाक बिल पारित हो जाने से मुस्लिम बहनों को सामाजिक सुरक्षा और इंसाफ मिलेगा। परिवार टूटने से बचेंगे और उन बच्चों को भी न्याय मिलेगा, जिन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ता था। उन्होंने कहा कि इस बिल में बिना वारंट गिरफ्तारी, तीन साल की सजा, महिला की सहमति से आरोपी की जमानत, पीड़ित महिला की अपील पर समझौते, गुजारा भत्ता दिया जाने तथा अवयस्क बच्चों की कस्टडी महिला को दिये जाने के प्रावधान हैं।
इतने सालों तक कैसे चलता रहा तीन तलाक?
लुनावत ने कहा कि एक सभ्य समाज में तीन तलाक जैसी कुप्रथा इतने सालों तक कैसे चलती रही, कैसे कांग्रेस और अन्य दल इसका समर्थन करते रहे ? उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में 1956 में ही इस पर रोक लगा दी गई थी। बांग्लादेश में भी इस पर रोक है। इसके अलावा दुनिया के 22 देशों जिनमें से अधिकांश मुस्लिम देश हैं, उनमें भी तीन तलाक पर रोक है। फिर भारत में यह इतने दिनों तक कैसे चलता रहा?

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