लखनऊ,लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी काम करने वालों के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने कार्रवाई शुरू कर दी है। मायावती ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई सीटों पर पार्टी विरोधी काम करने और विपक्षी उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बनाने के आरोप में पार्टी के पूर्व विधायक इकबाल अहमद ठेकेदार को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। कहा जा रहा है कि इकबाल ने चुनाव के दौरान बिजनौर में बीएसपी प्रत्याशी मलूक नागर के बजाए कांग्रेस प्रत्याशी नसीमुद्दीन सिद्दीकी का समर्थन किया था। मालूम हो कि इससे पहले पार्टी ने विधायक रामबीर उपाध्याय को निलंबित कर दिया था। सूत्रों का कहना है कि 10 सीट पर जीत मिलने के बाद भी मायावती चुनाव परिणाम से खुश नहीं हैं। मायावती के अनुसार सपा और आरएलडी से गठबंधन करने के बाद भी आशा के अनुरूप परिणाम नहीं आए। इससे वो बहुत नाराज हैं. यही वजह है कि वो पार्टी के विरोध काम करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही हैं।
दरअसल इकबाल ठेकेदार 2007 और 2012 में बीएसपी के टिकट पर चांदपुर के विधायक बने थे। हालांकि, 2017 में वह हार गए थे। इस बार वह लोकसभा चुनाव में बिजनौर लोकसभा सीट से बीएसपी से टिकट मांग रहे थे लेकिन उनकी मांग को दरकिनार कर पार्टी हाईकमान ने एसपी से आईं पूर्व विधायक रुचिवीरा को बिजनौर लोकसभा सीट का प्रभारी घोषित कर दिया। इसके बाद इकबाल ठेकेदार ने विरोध किया था। साथ ही उन्होंने पार्टी के खिलाफ हंगामा, प्रदर्शन और पदाधिकारियों से इस्तीफे दिला दिए थे। चुनाव से पहले तब भी इकबाल ठेकेदार को मायावती ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था लेकिन बाद में पार्टी में शामिल कर बिजनौर लोकसभा प्रभारी नियुक्त कर दिया था। इसके बाद पार्टी ने ऐन वक्त पर मलूक नागर को प्रत्याशी बना दिया था तभी से इकबाल ने पार्टी से दूरी बना ली थी। चुनाव के दौरान उन पर आरोप लगे थे कि वो कांग्रेस के सदस्य को चुनाव लड़ा रहे हैं।
BSP के पूर्व विधायक इकबाल अहमद पार्टी से निष्कासित,मायावती ने शुरू की कार्रवाई