नई दिल्ली, मोदी सरकार के शपथ लेने के दूसरे दिन ही अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर बुरी खबर आई है। वित्तवर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में देश का आर्थिक विकास दर घटकर 6 प्रतिशत से भी नीचे चला गया है। आंकड़ों के मुताबकि, जनवरी-मार्च तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) महज 5.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। उधर, सर्वे के मुताबिक पिछले वित्तवर्ष में देश में बेरोजगारी दर भी 6.1 प्रतिशत पर रही है। दरअसल, चौथी तिमाही में विभिन्न क्षेत्र के औद्योगिक उत्पादन में गिरावट और सरकारी खर्च में कटौती के कारण ग्रोथ को झटका लगने की आशंका पहले से थी, लेकिन ग्रोथ रेट के 6 प्रतिशत से भी नीचे गिरने की उम्मीद किसी को नहीं थी। देश के विभिन्न बैंकों ने ग्रोथ रेट 6 से 6.3 प्रतिशत तक रहने की उम्मीद जताई थी। कोटक महिंद्रा बैंक ने सबसे कम 6 प्रतिशत रहने की आशंका व्यक्त की थी। बहरहाल, इतना स्पष्ट हो गया है कि चौथी तिमाही के बेहद कमजोर आंकड़े का असर पूरे वित्तवर्ष की जीडीपी ग्रोथ रेट पर पड़ा जो 7 प्रतिशत से नीचे फिसलकर 6.8 प्रतिशत पर आ गया।
जीडीपी को झटका, ग्रोथ रेट 5.8 प्रतिशत पर फिसला