अंटार्कटिका की सिकुड़न से खतरे में है पेंगुइन का जीवन, उनके पैदा हुए बच्चे नहीं बच पा रहे

लंदन, जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के असर से जहां पर्यावरण प्रभावित हुआ है। अंटार्कटिका के बर्फीले इलाके एंपरर पेंगुइन के लिए विश्व में दूसरे सबसे बड़े आश्रय स्थल माने जाते हैं, लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि अब इन पक्षियों के लिए अंटार्कटिका में इलाका सिकुड़ने लगा है। इस समय इंपरर पेंगुइन एक गंभीर समस्या से गुजर रही हैं। बीते तीन सालों में अंटार्कटिका में इनके जितने भी बच्चे पैदा हुए, लगभग सबकी मौत हो चुकी है। इस सर्वेक्षण के लिए द ब्रिटिश अंटार्कटिका सर्वे (बीएएस) ने सेटेलाइट इमेजों के जरिये केप होप के दक्षिण में वेडले सागर स्थित ‘हैली बे कॉलोनी’ का अध्ययन किया। आमतौर पर यहां हर साल 25 हजार पेंगुइन दिख जाती थीं। शोधकर्ताओं ने वर्ष 2016 में पाया कि असामान्य और तूफानी मौसम के कारण समुद्र की बर्फ या तो टूट गई है या पिघल गई है और पेंगुइन के लगभग सभी बच्चे मर गए हैं। सामान्यत: इस बर्फ में ही पेंगुइन अपने बच्चों को पालती थीं। शोधकर्ताओं के अनुसार, वर्ष 2017 और 2018 में भी यही हालात बने रहे। बीएएस के मुताबिक, ‘हैली बे स्थित पेंगुइन की कॉलोनी लगभग खत्म होने को है।’
बीएएस के रिमोट सेंसिंग स्पेशलिस्ट, पीटर फ्रेटवेल ने कहा ‘पिछले एक दशक से हाई रिजोल्यूशन वाली सेटेलाइट इमेज के जरिये हम पेंगुइन की जनसंख्या का पता लगाने के साथ ही यह भी देख रहे हैं कि अन्य क्षेत्रों की ‘पेंगुइन कॉलोनी’ के हालात क्या हैं।’ उन्होंने कहा कि हम इन कॉलोनी के आकार का विश्वसनीय अनुमान देने के लिए पेंगुइन समूहों के घनत्व के आधार पर इनकी जनसंख्या का अनुमान लगा सकते हैं। फ्रेटवेल ने कहा कि सेटेलाइट इमेज बेहद चिंताजनक हैं। पिछले तीन दशकों से हैली बे में पेंगुइनों की आबादी नहीं बढ़ पा रही है। हालांकि, शोधकर्ताओं ने यह भी गौर किया है कि डॉसन लेंबटन में पेंगुइन कॉलोनियों का आकार बढ़ा है। ऐसा अनुमान है कि हैली बे में ब्रीडिंग की समस्या से जूझने के बाद इन पक्षियों ने यहां शरण ले ली हो। बीएएस के पेंगुइन विशेषज्ञ फिल थ्रेथन ने कहा ‘यह कहना बहुत मुश्किल है कि जलवायु परिवर्तन के कारण हैली बे के समुद्र में बर्फ टूट रही है, लेकिन यह सच है कि इस क्षेत्र में पेंगुइनों को अपनी आबादी बढ़ाने में परेशानी आ रही है।’ 2005 में एक डॉक्यूमेंट्री के जरिये इन पेंगुइनों वैश्विक रूप से पहचान मिली थी और कार्टून फिल्मों में नजर आने के बाद तो ये जीव सभी के दिलों में घर कर गए।

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