रेलवे चादर और कम्बल में डालेगा बार कोड, रुकेंगी चोरी की वारदात

भोपाल,वातानूकुलित रेल के डिब्बों में यात्रियों को मिलने वाले बेड रोज के सामानों की चोरी रोकने के प्रयास होंगे। इसके लिए कम्बल, चादर, पिलो, टॉवेल पर बार कोड डाले जाएंगे ताकि चोरी होने पर आसानी से पकड में आ सकेंगे। ट्रेन के एसी कोच में बेडरोल चोरी होने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अकेले जबलपुर रेल मंडल में ही अप्रैल से दिसंबर 2018 तक 9 माह में 9 हजार से ज्यादा चादर चोरी हो गए। चोरी होने वाली हैंड टॉवेल की संख्या महज 9 माह में 23 हजार तक पहुंच गई। कई पैसेंजर तो अपने साथ कम्बल और पिलो के कवर तक ले गए। इसलिए रेलवे अब बेडरोल की चोरी रोकने के लिए जबलपुर रेल मंडल का मैकेनिकल विभाग चादर और कम्बल में बार कोड और नंबर डालने की तैयारी कर रहा है। जल्द ही यह प्रस्ताव रेलवे बोर्ड भेजकर स्वीकृति ली जाएगी।
सूत्रों की माने तो पीएनआर के साथ बेडरोल के बार कोड जुड़ेंगे। बेडरोल में रखे, कम्बल, चादर, पिलो, टॉवेल पर बार कोड होंगे। इसके साथ कम्बल, चादर, पिलो, टॉवेल पर नंबर भी होंगे। एसी कोच की जिस सीट पर बेडरोल दिया जाएगा, उसका पीएनआर नोट होगा। पीएनआर के सामने बेडरोल का बार कोड लिखा दिया जाएगा। पीएनआर पर 6 यात्री हैं तो सभी 6 बेडरोल की सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी होगी। गायब होने पर जिस व्यक्ति के नाम पर पीएनआर होगा उससे इसका हर्जाना लिया जाएगा। रेल में जिन सामानों की ज्यादा चोरी होती है उनमें चादर, पिलो, पिलो कवर, फेस टॉवेल, कम्बल, कम्बल कवर, ताला, हैंगर, मग आदि सामान शामिल है। रेलवे सूत्रों का कहना है कि कई बार अटेंडर ही दूसरे अटेंडर को परेशान करने के लिए कोच से बेडरोल गायब कर देते हैं। एसी कोच में चढ़ने वाले अनाधिकृत लोग भी कम्बल चोरी कर लेते हैं। कम्बल की धुलाई के दौरान भी इनमें गड़बड़ी की जाती है, लेकिन इसे रिकॉर्ड में नहीं लेते। चादर गंदे होने या फिर फट जाने के बाद इन्हें गायब कर देते हैं और चोरी होना बता देते हैं। इस बारे में जबलपुर डीआरएम डॉ.मनोज सिंह का कहना है कि वर्जन-ट्रेन के एसी कोच में अप्रैल से दिसंबर 2018 के बीच तकरीबन 9 हजार चादर चोरी हुए। बेडरोल चोरी होने की घटनाओं को रोकने के लिए हम कई कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं, जिसमें से एक बार कोड भी है।

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