इंदौर,आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में एक शिकायत दर्ज हुई है जिसमें सरकारी जमीन के कागज तैयार कर उस पर एक करोड़ रूपए का लोन लिया गया। जब बैंक के पास किस्त नहीं पहुंची तो पड़ताल की गई। इसमें खुलासा हुआ कि जिस जमीन पर लोन दिया गया वह सरकारी भूमि है। ईओडब्ल्यू को शिकायत की गई। अब ब्यूरो मामले की जांच कर रहा है।
शिकायतकर्ता ने बताया था कि देपालपुर तहसील के ग्राम गोकुलपुरा की एक चरनोई की भूमि के फर्जी कागजात तैयार किए गए और उस पर लोन लिया गया। ब्यूरो से प्राप्त जानकारी के अनुसार गोकुलपुर में शासकीय चरनोई की २० बीघा जमीन है। नजूल विभाग के पुराने दस्तावेजों में यह बात दर्ज है। इस जमीन को पटवारी मनीष वर्मा और तत्कालीन तहसीलदार मौर्य ने निजी मानकर स्थानीय रहवासी विशाल पिता भीमसिंह की बताते हुए ऋण पुस्तिका तैयार कर दी थी। इसी के सहारे विशाल ने पलसीकर कालोनी में रहने वाले भगवानदास माटा और नानक कुमार माटा से सौदा किया और उन्हें जमीन बेच दी थी। जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद भगवानदास और नानक ने इस पर एक करोड़ रूपए का लोन लिया। लोन की किस्त पूरी नहीं हुई तो बैंक द्वारा वसूली के लिए कार्यवाही शुरू की गई। इस बात का खुलासा हुआ कि जमीन सरकारी है और नजूल विभाग में १९२५.२६ के रिकॉर्ड में दर्ज है।
सरकारी जमीन पर लिया एक करोड़ रूपए का लोन
