नई दिल्ली,दक्षिणी दिल्ली के साकेत पुलिस थाने के एसएचओ को सीबीआई ने 2 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया । एसएचओ नीरज कुमार को रिश्वत दे रहा वकील नीरज वालिया भी पकड़ा गया। उधर दक्षिणी दिल्ली के ही हौजखास थाने का एक इंस्पेक्टर संजय शर्मा फरार है। सीबीआई के मुताबिक उन्हें तकनीकी सर्विलांस और सूत्रों से जानकारी मिली थी कि दक्षिणी दिल्ली के कुछ पुलिस अफसर यूनिटेक बिल्डर के खिलाफ मिली शिकायतों के मामले में बिल्डर पर कार्रवाई न करने के लिए उसका पक्ष ले रहे हैं और अदालत में उसके मामलों में जांच में देरी कर रहे हैं। ये लोग एक तरह से यूनिटेक बिल्डर के वेतन भोगियों की तरह काम कर रहे थे।
साकेत कोर्ट ने यूनिटेक बिल्डर के खिलाफ आयी 47 शिकायतों की जांच का जिम्मा साकेत पुलिस थाने को दिया था। ये शिकायतें फ्लैट खरीदने वालों की तरफ से की गई थीं। सीबीआई को जांच में पता चला कि साकेत थाने के एसएचओ ने यूनिटेक बिल्डर के वकील को रिश्वत लेकर बुलाया है।
सीबीआई ने एसएचओ को पकड़ने के लिए ट्रैप लगाया लेकिन सोमवार को एसएचओ ने वकील से मिलने से मना कर दिया। उसके बाद एसएचओ ने मंगलवार को फिर वकील नीरज वालिया को बुलाया। सीबीआई की टीम भी पहुंच गयी और एसएचओ साकेत को 2 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। वकील नीरज वालिया को भी घूस देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। सीबीआई ने इस मामले में 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिनमें साकेत थाने के एसएचओ नीरज कुमार, हौजखास थाने के इंस्पेक्टर एटीओ संजय शर्मा, वकील नीरज वालिया, यूनिटेक लिमिटेड के फाउंडर रमेश चंद्रा, अजय चंद्रा, उपमा चंद्रा, सीमा मंगा, प्रदीप कुमार और कुछ अज्ञात लोग शामिल हैं। रमेश चंद्रा के पिता संजय चंद्रा पहले ही ठगी और समय से प्रोजेक्ट न दे पाने के आरोप में तिहाड़ जेल में हैं।
पुलिस थाने के एसएचओ को सीबीआई ने 2 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया
