हर्रई सिविल अस्पताल में नही है मलेरिया,टाईफाईड की जांच किट

छिंदवाड़ा,सिविल अस्पताल हर्रई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र होने के बावजूद चिकित्सा सेवाएं देने में पूरी तरह लाचार साबित हो रहा है।डॉक्टरों का नही रहना सेवाओं का नही मिलना यहां के लिए आम बात है।बीमारियों के मौसम में अस्पताल में मलेरिया और टाईफाईड जांच की किट पिछले चार-पांच महीनों से नही है।
इसकी शिकायत सीएमओ से लेकर सीएमएचओ तक की जा चुकी है। इसके बावजूद ना अस्पताल प्रशासन ध्यान दे रहा ना अधिकारी समस्या का हल निकालने की कोशिश कर रहे है। यहां उल्लेख जरूरी होगा कि हर्रई आदिवासी क्षेत्र होने से यहां पर मलेरिया और टाईफाईड फैलते रहते है।जानकारी लेने पहुुंचे संवाददाता तो मलेरिया टेस्ट करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि चार महीने से हमारे अस्पताल में मलेरिया और टाईफाईड जांच करने की किट ही नही है।हमने डयूटी मेडिकल ऑफिसर को शिकायत कर शीघ्र ही किट मंगाने की मांग की थी जिसको डीएम ने बीएमओ ङ्क्षसघई को सौंप दिया था। इसके बावजूद अब तक किट उपलब्ध नही कराई गई।हर्रई अस्पताल का इतिहास रहा है कि यहां आने वाले डॉक्टरों अपनी जिम्मेदारी से दूर भागते रहते है। बीएमओ सिंघई जिनकी पोस्टिंग धनौरा पीएचसी में है।वे हर्रई में बीएमओ पद पर काब्जा जमाए बैठे है।पूर्व में भी इस आशय की शिकायत होने के बावजूद सीएचएमओ ने कोई कार्यवाही नही की।
प्रसूताओं के लिए नही है जननी-
सिविल अस्पताल हर्रई जो 60 से अधिक गांव का मुख्य चिकित्सा केन्द्र है। यहां पर जननी वाहन उपलब्ध नही कराए जा रहा है।11जुलाई को 9 बजे देहात की महिला सुखवती पति ललित निवासी ग्राम छाता को प्रसव पीड़ा होने पर जननी वाहन की मांग की गई लेकिन वाहन उपलब्ध ना होने पर ग्रामीण क्षेत्र से परेशानी उठाते हुए उसे हर्रई अस्पताल लाया गया। जहां उसने एक बच्ची को
जन्म दिया। शुक्रवार को सुबह तक भर्ती रही महिला को नियमानुसार ना दूध दिया गया ना खाना जबकि गर्भवती महिला को गर्म पानी लड्डू दूध और भोजन की व्यवस्था कराने का प्रावधान शासन ने किया है।
इनका कहना है-
घटना के संबंध में जब सीएमओ से चर्चा की गई तो डॉक्टर सिंघई ने कहा कि मैं अभी विधायक के साथ बैठा हूं कोई जानकारी नही दे सकता है जानकारी चाहिए तो बाद में संपर्क करें।
डॉ सिंघई
बीएमओ
हर्रई

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