CG में तीन साल में 11 लाख गरीबों के बनेंगे पक्के मकान

रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज यहां विधानसभा में चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान अपनी सरकार के प्रथम अनुपूरक बजट में गांव, गरीब और किसानों सहित सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को भी कई सौगातें दी। पक्ष और विपक्ष के बीच गहन चर्चा के बाद चार हजार 878 करोड़ रूपए का यह अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। उन्होंने कहा-राज्य सरकार ने प्रथम अनुपूरक बजट में कई ऐतिहासिक प्रावधान किए हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 के मुख्य बजट में 87 हजार 463 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया था। आज पारित अनुपूरक बजट का मिलाकर प्रदेश के इस वर्ष के बजट का आकार बढ़कर 92 हजार 341 करोड़ रूपए हो गया। मुख्यमंत्री ने प्रथम अनुपूरक के विभिन्न प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अनुपूरक बजट के माध्यम से विकास की अनेक बड़ी जरूरतों के लिए वित्तीय प्रबंध किया गया है।
प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण और शहरों क्षेत्रों को मिलाकर 17 हजार 605 करोड़ रूपए की लागत से 11 लाख गरीब परिवारों के लिए पक्के मकानों का निर्माण किया जाएगा। निर्माण कार्य चल रहा है। जिन परिवारों को पक्के मकान मिल गए हैं, उनके चेहरों की खुशियों को देखें। पक्के मकान के साथ उन्हें उज्ज्वला योजना में रसोई गैस कनेक्शन दिया जा रहा है। उजाला योजना में बिजली से उनके घरों में रौशनी हो रही है और स्वच्छ भारत मिशन के तहत उनके लिए पक्के शौचालय भी बन रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा-ये होता है, गरीबों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन। प्रधानमंत्री की यह योजना गरीबों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए एक बेहतर योजना है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ’हर गरीब का सपना-घर हो पक्का अपना’ इस सपने को पूरा करने के लिए वचनबद्ध हैं। वर्ष 2022 तक देश के हर गरीब परिवार का पक्का मकान होगा। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में वर्ष 2016-17 और वर्ष 2017-18 में चार लाख 39 हजार मकानों के निर्माण का लक्ष्य था। इसमें से अब तक तीन लाख 81 हजार अर्थात 87 प्रतिशत परिवारों के मकान बन चुके हैं।
इस प्रकार पूरे राज्य में 17 हजार 605 करोड़ रूपए की लागत से 11 लाख परिवारों के पक्के मकानों का सपना साकार होगा।
डॉ. रमन सिंह ने कहा-प्रदेश के किसानों को उनकी मेहनत के एवज में राज्य सरकार द्वारा एक हजार 706 करोड़ रूपए का धान बोनस पहले ही दिया जा चुका है। प्रत्येक किसान को औसतन 73 हजार रूपए की दर से 12 लाख 06 हजार किसानों को धान का बोनस दिया गया है। अब छत्तीसगढ़ के चना उत्पादक किसानों को भी प्रोत्साहन के लिए 1500 रूपए प्रति एकड़ की दर से राशि दी जाएगी। इसके लिए प्रथम अनुपूरक में 120 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश में छह नवीन तहसीलों की होगी स्थापना
डॉ. सिंह ने इस अवसर पर छह नवीन तहसीलों की स्थापना के लिए भी अनुपूरक बजट में आवश्यक प्रावधान किए जाने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि नई तहसीलों की स्थापना राजनांदगांव जिले के गंडई, जिला बलौदाबाजार के लवन और भटगांव, जिला कोरिया के चिरमिरी, जिला कबीरधाम के रेंगाखार कला और जिला जांजगीर चांपा के शिवरीनारायण में की जाएगी।
शिक्षाकर्मियों के संविलियन-नियमितीकरण के लिए एक हजार करोड़ से ज्यादा राशि का प्रावधान
मुख्यमंत्री ने शिक्षाकर्मियों के संविलियन और नियमितीकरण के बारे में राज्य सरकार के फैसले पर प्रकाश डालते हुए कहा-उनकी इन मांगों के सभी पक्षों पर सहृदयतापूर्वक विचार करते हुए राज्य सरकार ने संविलियन और नियमितीकरण का निर्णय लिया है। अब आठ वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षाकर्मियों को नियमित वेतन का लाभ दिया जाएगा और भविष्य में उन्हें नियमानुसार प्राचार्य तथा प्रधान अध्यापक के पद पर पदोन्नति की भी पात्रता होगी। लगभग एक लाख शिक्षाकर्मियों को इस निर्णय का तत्काल फायदा एक जुलाई 2018 से मिलना शुरू हो जाएगा और क्रमशः आठ वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर सभी शिक्षाकर्मी इस लाभ के पात्र होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा-इस व्यवस्था के लिए प्रथम अनुपूरक में एक हजार 025 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
पेंशनरों को भी सातवें वेतनमान के अनुरूप मिलेगी पेंशन
मुख्यमंत्री ने पेंशनरों के हित में एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि एक जनवरी 2016 के पहले सेवानिवृत्त हुए पेंशनरों को सातवें वेतनमान के अनुरूप मूल पेंशन का 2.57 गुना पेंशन और परिवार पेंशन का फायदा एक अप्रैल 2018 से दिया जाएगा। लगभग 80 हजार पेंशनरों को इस बढ़ी हुई पेंशन का लाभ मिलेगा। डॉ. सिंह ने बताया-राज्य शासन द्वारा एक जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों को मिलने वाली गेच्युटी की अधिकतम राशि दस लाख रूपए से बढ़ाकर 20 लाख रूपए कर दी गई है।

 

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