भोपाल, मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार चुनाव नजदीक आते-आते लगातार एक-एक करके नए घोटालों में उलझती जा रही है । अब नागरिक आपूर्ति निगम में 44 करोड़ रुपए का नया चावल घोटाला सामने आया है। इस घोटाले को 11 जिलों के जिला प्रबंधकों ने मिलकर अंजाम दिया है। नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधकों ने चावल मिलर से मिलकर अच्छी क्वालिटी का धान देकर उनसे घटिया क्वालिटी का चावल बदले में लिया है।
यह घटिया चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से खपाया जा रहा है। इसकी जानकारी मिलने के बाद निगम ने 11 जिला प्रबंधकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। नागरिक आपूर्ति निगम ने चावल मिलों को 20.64 लाख टन धान दी थी। चावल मिल मालिकों ने अभी तक 182550 टन चावल दिया है। जब इस चावल की जांच की गई, तो जो धान दी गई थी। उसका चावल ना होकर घटिया क्वालिटी का चावल मिल मालिकों ने सप्लाई कर दिया। जांच के दौरान 1217 रैक में से 119 रेक में लदा हुआ, चावल घटिया क्वालिटी का पाया गया।
सबसे ज्यादा खराब चावल छिंदवाड़ा, सतना, रीवा और सिंगरौली जिले का मिला है। चावल मिल मालिकों ने अभी तक 1800 टन चावल जो घटिया क्वालिटी का था। अभी तक वापस नहीं उठाया है।
आपूर्ति निगम ने 8 मिलरों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। उन्हें चावल वापस ले जाने के लिए 3 माह का समय दिया है। । इस बीच यदि वह चावल नहीं उठाएंगे तो उनकी सुरक्षा निधि जप्त किए जाने का नोटिस दिया गया है। जिन मिलर्स को ब्लैक लिस्टेड किया गया है। उनके नाम मां शारदा राइस मिल, खुशी राइस मिल, रेवा राइस मिल, डायमंड राइस मिल, मां शारदा राइस मिल, वंदना राइस मिल, जीएम इंडस्ट्री और संजय दाल मिल के नाम बताए जा रहे हैं। लगभग 44 करोड रुपए की धोखाधड़ी का यह मामला है।
NAN का कमाल MP में अब 44 करोड़ का चावल घोटाला उजागर
