जीएमसी दंत विभाग में फैकल्टी भर्ती घिरी विवादों में,इंटरव्यू के लिए अपात्रों को बुलावा भेजा

भोपाल, एसोसिएशन ऑफ डेंटल रेसीडेंट्स ने स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को शिकायत कर कहा है गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में दंत चिकित्सा विभाग में फैकल्टी की भर्ती हेतु साक्षात्कार के लिए जारी सूची में कई अपात्रों के नाम भी है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के मापदंड के अनुसार मेडिकल कॉलेज का अनुभव नहीं होने के बाद भी उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है। शिकायत सामने आने के बाद कॉलेज प्रबंधन ने 3 जुलाई को होने जा रहे इंटरव्यू टाल दिए हैं। सूची की दोबारा जांच के बाद ही इंटरव्यू की तारीख जारी की जाएगी। शिकायत में कहा गया है कि एमसीआई के 1998 के भर्ती नियम के अनुसार में मेडिकल कॉलेज में दंत चिकित्सा विभाग में शिक्षक बनने के लिए मेडिकल कॉलेज का अनुभव होना चाहिए। जीएमसी में एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर के एक-एक पद (अनारक्षित) के लिए 10 मई को विज्ञापन जारी किया गया था। भर्ती के लिए कुछ उम्मीदवारों ने शैक्षणिक व अनुभव संबधी झूठे दस्तावेज लगाकर इंटरव्यू के लिए पात्रता हासिल कर ली है।
शिकायत के मुताबिक प्रोफेसर पद के लिए जिन पांच उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है। पांचों के पास इस पद के लिए न्यूनतम योग्यताएं नहीं हैं। इस संबंध में प्रमाण भी दिए गए हैं। छिंदवाड़ा, शिवपुरी और दतिया मेडिकल कॉलेज में भर्ती के दौरान इनमें कुछ उम्मीदवारों को अयोग्य करार दिया गया था, जबकि जीमएसी में पात्र मान लिया गया है। इसी तरह से एसोसिएट प्रोफेसर पद के साक्षात्कार के लिए बुलाए गए पांच उम्मीदवारों में तीन एमसीआई के मापदंड पर खरे नहीं उतरते। इस बारे में जीएमसी डीन डॉ. एमसी सोनगरा का कहना है कि दंत चिकित्सा विभाग में भर्ती को लेकर शिकायत आई है। अभी तो एमसीआई के मापदंड के अनुसार ही उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया था। शिकायत के बाद एसीएस चिकित्सा शिक्षा को सूची भेजकर मार्गदर्शन लेंगे। तब तक इंटरव्यू टाल दिए जाएंगे।

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