राम मंदिर निर्माण के लिए नई पार्टी बनेगी : तोगडिय़ा
मंदसौर,विश्व हिंदू परिषद के पूर्व प्रमुख प्रवीण तोगडिय़ा ने कहा कि वे राम मंदिर निर्माण के लिए नई पार्टी का गठन करेंगे। 24 जून को इस पार्टी का ऐलान किया जाएगा। इसके पहले तोगडिय़ा भारतीय किसान मजदूर महासंघ के निमंत्रण पर मंदसौर गोलीकांड में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देने भी पहुंचे।
तोगडिय़ा ने कहा कि कि वे 24 जून को दिल्ली में हिंदुत्व का नया अभियान, नई पार्टी के साथ शुरू करेंगे। इस नए संगठन के माध्यम से हिंदू हित के कामों को और तेज किया जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि राममंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो ऐसे मे वे कैसे राम मंदिर निर्माण की बात करेंगे तो उन्होंने आडवाणी का उदाहरण देते हुए कहा कि जब आडवाणी ने रथ यात्रा निकाली तब भी तो कोर्ट में केस था।
सिर्फ 6 प्रतिशत किसानों को डेढ़ गुना मूल्य
तोगडिय़ा ने कहा कि देशभर में 3 लाख से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है, जो अन्न उगाता है जिसे दुनिया खाती है, अगर वो दुखी है तो देश खुश नहीं हो सकता। किसानों को लागत से डेढ़ गुना मूल्य सीटू पद्धति से मिलना चाहिए हिंदुस्तान में सिर्फ 6 प्रतिशत किसानों को लागत का डेढ़ गुना मूल्य मिल रहा है।
माल्या 8 लाख करोड़ लेकर भागे किसान से 60 हजार मांगते हैं
तोगडिय़ा ने कहा विजय माल्या को 8 लाख करोड़ लेकर भागने देते हैं और किसानों से खंबो के लिए 60 हजार रुपए मांगते हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री खुद किसान हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मैं किसानों को लेकर पूरे देश में अभियान चलाने वाला हूं. जिसकी शुरूआत मंदसौर से करूंगा।

मोदी किसान विरोधी, राहुल लिखित में दें
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। अब भाजपा जीत भी गई तो उन्हें सीएम बनाने वाली नहीं है। इसलिए वह मकान खाली करने वाले किरायेदार की तरह व्यवहार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी भी किसान विरोधी हैं। उन्होंने अभी तक 29 किसान विरोधी फैसले लिए हैं। राहुल गांधी ने सरकार बनने पर कर्ज माफी की घोषणा की है पर उसकी भी ड्राफ्टिंग सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से कराएंगे और उस एफिडेविड पर वह साइन करे तो हम माने कि सरकार बनने के बाद वह अपने वादों पर खरे उतरेंगे। सभी किसान संगठन मिलकर अन्नदाता बचाओ आंदोलन 8 अगस्त से प्रारंभ करेंगे। किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा कक्काजी ने अभी तक अपने आंदोलन की सफलता को लेकर कहा कि प्रशासन अपनी पीठ थपथपा रहा है कि सब कुछ शांत है। पर यही हमारी रणनीति का हिस्सा है कि किसानों को 10 दिन तक गांवों से बाहर नहीं जाने देना है। न तो सब्जी और दूध शहर में ले जाना है और न ही मंडियों में सामान भी ले जाना है। अभी तक कई गांवों में किसानों ने आंदोलन में शामिल होकर समर्थन दिया है।

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