लखनऊ, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव शशि गोयल पर 25 लाख की घूस मांगने का आरोप लगाने वाले व्यापारी अभिषेक गुप्ता को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में हिरासत में ले लिया है। अभिषेक ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव शशि गोयल एक जमीन उसे ट्रांसफर करने के लिए 25 लाख रुपये की घूस मांग रहे थे।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव के बचाव में उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि ”एसपी गोयल ने मुलायम सिंह, मायावती और अखिलेश यादव के साथ काम किया है। अगर उनमें कोई कमी होती तो पिछले 25 सालों में ज़रूर दिखती। बिना किसी सबूत किसी के आरोप लगाने पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है।”
दरअसल अभिषेक ने 18 अप्रैल को राज्यपाल राम नाइक को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि उसने हरदोई में पेट्रोल पंप लगाने के लिए ज़मीन खरीदी थी। लेकिन उसकी ज़मीन के सामने ग्राम समाज की सरकारी ज़मीन है। वह चाहते है कि वह उतनी ही अपनी ज़मीन सरकार को दे दे और सरकार ग्राम समाज की ज़मीन उसके नाम लिख दे। लेकिन जो ग्राम समाज की जमीन जो वह चाहते हैं, रिज़र्व केटेगरी की है इसलिए वह शासन में उच्च स्तर से ही उन्हें ट्रांसफर की जा सकती है। लेकिन इस कार्य के लिए गोयल द्वारा रिश्वत में 25 लाख मांगे जा रहे हैं।
राज्यपाल राम नाइक ने अभिषेक का शिकायती खत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 30 अप्रैल को फॉरवर्ड कर दिया था, जो गुरूवार को सोशल मीडिया पर लीक हो गया। इसके बाद रातोंरात अभिषेक के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई। भाजपा मुख्यालय के प्रभारी भारत दीक्षित ने एफआईआर में कहा है कि अभिषेक अपने निजी काम के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के नाम का इस्तेमाल कर मुख्यमंत्री दफ़्तर के आला अफसरों पर दबाव डाल रहा है।
इसके बाद पुलिस ने अभिषेक को उसके घर से हिरासत में ले लिया और किसी अज्ञात जगह ले जाकर पूछताछ कर रही है।
योगी के प्रमुख सचिव पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाने वाला पकड़ाया
