12 सौ करोड की लागत से बने भिलाई इस्पात संयंत्र का महामाया-ब्लास्ट फर्नेस आठ शुरू

भिलाई,लेटलतीफी के बाद अंतत: 12 सौ करोड़ रूपये की लागत से निर्मित एशिया का सबसे बड़ा ब्लास्ट फार्नेस आठ की शुरूआत हो गई।अत्याधुनिक तकनीकी से बने इस ब्लास्टफार्नेस का काम बहुत पहले ही पूरा हो जाना था लेकिन इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में काफी देर हो गई। इसके लिए यहां अफसरों को कई बार इस्पात मंत्री और सेल अध्यक्ष द्वारा फटकार भी लगाई गई। उसके बाद इस कार्य में तेजी आई और शुक्रवार को सुबह पूजा अर्चना के बाद शुरू किया गया। इसके लिए खास तौर पर गणेश मंदिर , सेक्टर-5 के पुजारी को बुलाया गया था। ब्लोइंग के मौके पर पर जर्मनी के विशेषज्ञ मौजूद थे। बीएसपी सीईओ एम रवि, ईडी गणेशमूर्ति की मौजूदगी में पूजा अर्चना के बाद इसे शुरू किया गया। प्रबंधन ब्लोइंग से पहले फर्नेस में लकड़ी, उसके उपर कोक, फिर लकड़ी का लेयर डाल चुका है। इसके ऊपर लीन बर्डन (कोक, सिंटर, आयरन ओर, एडिटय़ू का मिक्सचर) जो किसी भी ब्लास्ट फर्नेस को शुरू करते समय ही किया जाता है। अब फर्नेस का तापमान 1400 डिग्री तक पहुंचने के बाद हॉट मेटल तैयार होने की प्रया शुरू हो जाएगी। सब कुछ ठीक रहा तो करीब 36 से 72 घंटे में पहली टेपिंग भी हो जाएगी। भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एम रवि ने इसका ब्लोइंग इन किया। महामाया के नाम से नामांकित संयंत्र का नया ब्लास्ट फर्नेस अत्याधुनिक डिजाइन से तैयार किया गया है, जिसका विस्तार क्षेत्र 4060 क्यूबिक मीटर है और प्रतिदिन 8030 टन के साथ वार्षिक हॉट मेटल उत्पादन क्षमता 2.8 मिलियन टन है। इस नये ब्लास्ट फर्नेस के प्रारंभ हो जाने से भिलाई इस्पात संयंत्र से वर्तमान में प्रतिवर्ष 5 मिलियन टन हॉट मेटल उत्पादन से 7.5 मिलियन टन उत्पादन क्षमता बढ़ जायेगी। इस फर्नेस को शुरू करने के बाद रॉ मटेरियल की मांग बढ़ जाएगी।
इस अवसर पर सेल के निदेशक परियोजनाएँ डॉ जी विश्वकर्मा एवं सलाहकार व पूर्व प्रबंध निदेशक बी के सिंह तथा ब्लास्ट फर्नेसेस के पूर्व अधिकारी श्री धींगरा सहित संयंत्र के कार्यपालक निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन एम के बर्मन, कार्यपालक निदेशक परियोजनाएँ ए के माथुर, कार्यपालक निदेशक संकार्य टी बी सिंह, कार्यपालक निदेशक सामग्री प्रबंधन सुश्री रीता बैनर्जी, कार्यपालक निदेशक वित्त एवं लेखा बी पी नायक एवं संयंत्र के महाप्रबंधकगण, अन्य विभागों के अधिकारी, परियोजनाएँ एवं ब्लास्ट फर्नेसेस विभाग के सदस्यों तथा बड़ी संख्या में संयंत्र के कर्मचारीगण उपस्थित थे।

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